Edited By Ruby,Updated: 17 Dec, 2018 04:58 PM
राज्य में शिक्षा की स्थिति में सुधार और गुणवत्ता परक शिक्षा के लि उप्र सरकार दृष्टिपत्र’ तैयार कर रही है। सरकार में आने के बाद चार सूत्रों सुखी मन शिक्षक, तनावमुक्त विद्यार्थी, गुणवत्तापरक शिक्षा तथा नकलविहीन परीक्षा पर कार्य आरंभ किया गया।...
लखनऊ: राज्य में शिक्षा की स्थिति में सुधार और गुणवत्ता परक शिक्षा के लि उप्र सरकार दृष्टिपत्र’ तैयार कर रही है। सरकार में आने के बाद चार सूत्रों सुखी मन शिक्षक, तनावमुक्त विद्यार्थी, गुणवत्तापरक शिक्षा तथा नकलविहीन परीक्षा पर कार्य आरंभ किया गया। उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि‘परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में भी व्यापक भ्रष्टाचार होता था। इसके निर्धारण की प्रक्रिया भी अब चार स्तरीय कर दी गई है और सबकी जिम्मेदारी तय है।
उन्होंने बताया कि एक सॉफ्टवेयर बनाया गया जिसके जरिए परीक्षा केन्द्र चाहने वाले विद्यालयों को आनलाइन आवेदन करना होता है और सुविधाओं का विवरण देना होता है। इसके बाद सॉफ्टवेयर में दी गई जानकारी के अनुसार ऐसे केन्द्रों की सूची बनती है जो बोर्ड परीक्षा के मानकों पर खरे उतरते हैं। शर्मा ने कहा कि इस सूची को प्रर्दिशत करने के साथ ही उसमें यदि कोई खामियां है तो उनकी जांच डीआईओएस व शिक्षा विभाग के अधिकारी करेंगे। अगले स्तर पर इसकी जांच डीएम व एडीएम करेंगे। अंतिम जांच शिक्षा विभाग करेगा और उसका निर्णय अंतिम होगा। सभी परीक्षा केन्द्रों में सीसीटीवी मय रिकॉर्डिंग, शौचालय, चाहरदीवारी होना अनिवार्य है।
शर्मा ने कहा कि‘सूबे में गुणवत्ता परक शिक्षा के लिए दृष्टिपत्र तैयार किया जा रहा है। सरकार में आने के बाद चार सूत्रों सुखी मन शिक्षक, तनावमुक्त विद्यार्थी, गुणवत्तापरक शिक्षा तथा नकलविहीन परीक्षा पर कार्य आरंभ किया गया। शिक्षक जब सभी तनावों से मुक्त होगा तो वह बेहतर शिक्षा दे सकेगा।’