Edited By Umakant yadav,Updated: 13 Sep, 2021 06:57 PM

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वार लव जिहाद (Love Jihad) के बढ़ेत मामलों को लेकर बनाए गए धर्मांतरण कानून को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नोटिस जारी कर यूपी सरकार से...
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वार लव जिहाद (Love Jihad) के बढ़ेत मामलों को लेकर बनाए गए धर्मांतरण कानून को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नोटिस जारी कर यूपी सरकार से जनहित याचिका पर 3 हफ्ते में जवाब-तलब किया है। साथ ही कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को करेगी। धर्मांतरण कानून के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल कर सोशल एक्टिविस्ट आनंद मालवीय ने इसे चुनौती दी है।
बता दें कि एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस अनिल कुमार ओझा की डिविजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। जनहित याचिका में धर्मांतरण कानून को संविधान विरोधी और गैरजरूरी बताते हुए इसे चुनौती दी गई है। जनहित याचिका में कहा गया है कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। इतना ही नहीं इस कानून के तहत सियासी दुरुपयोग किए जाने की भी आशंका जताई गई है।
गौरतलब है कि धर्मांतरण कानून के खिलाफ पहले से ही दो जनहित याचिकाएं दाखिल हैं। इन जनहित याचिकाओं पर यूपी सरकार पहले ही कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर चुकी है। अब सभी याचिकाओं पर अब एक साथ सुनवाई होने की उम्मीद है। इससे पहले 23 जून 2021 को धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अध्यादेश कानून बन चुका है, ऐसे में इसे चुनौती देने का अब कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कानून को चुनौती देने की संशोधन अर्जी दाखिल करने की मंजूरी दी थी। इसी के आधार पर यह जनहित याचिका दाखिल की गई है।