Edited By Anil Kapoor,Updated: 26 Apr, 2020 05:10 PM
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कोरोना वायरस के साथ-साथ कुदरत भी अपना कहर बरपा रही है। जहां एक तरफ कोरोना वायरस से बचाव के चलते लगाए गए लॉकडाउन से लोग अपने घरो में रहने को मजबूर हैं वहीं दूसरी तरह किसानों को अपनी फसल को काटने के लिए....
मुजफ्फरगनर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कोरोना वायरस के साथ-साथ कुदरत भी अपना कहर बरपा रही है। जहां एक तरफ कोरोना वायरस से बचाव के चलते लगाए गए लॉकडाउन से लोग अपने घरो में रहने को मजबूर हैं वहीं दूसरी तरह किसानों को अपनी फसल को काटने के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं। जिससे किसानों की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो रही है।
जानकारी मुताबिक जिस तरह की स्थिति पैदा हो रही है उससे किसान पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है। कोरोना आपदा के बाद कुदरत ने भी किसानों के ऊपर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। आज हुई इस बेमौसम बारिश से किसानों की खेतो में खड़ी गेहूं की फसल के साथ-साथ अन्य फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस समय खेतों में गेहूं की कटाई का कार्य जोरों पर चल रहा है, जिससे किसान अपने खेतों में गेहूं की फसल काट रहे हैं, वहीं आज हुई इस बेमौसम बारिश ने गेंहू की खड़ी फसल व कटी हुई फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है।
इस बेमौसम हुई बारिश के संबंध में किसान श्यामसिंह ने बताया कि इस बारिश की वजह से किसान बर्बाद हो गया है। बारिश की वजह से किसानों का जितना भी कटा पड़ा हुआ गेंहू व खड़ा हुआ गेंहू है खराब हो गया है। वैसे तो अबकी बार गेहूं की पैदावार भी कम हुई थी, लेकिन बचा हुआ काम इस बारिश ने पूरा कर दिया। हम सरकार से यही मांग करते हैं कि जिस तरह पूर्व की भांति नुकसान होने पर मुवावजा दिया है ठीक उसी तरह अब भी किसानों के नुकसान पर उन्हें मुवावजा दे।