Edited By Umakant yadav,Updated: 04 May, 2020 07:24 PM
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन-3 घोषित किया गया है। वहीं प्रदेश की योगी सरकार ने निर्देश पर प्रदेश में 20 दिन में ही 14 पुरानी टेस्टिंग लैब और चार नई टेस्टिंग लैब...
लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन-3 घोषित किया गया है। वहीं प्रदेश की योगी सरकार ने निर्देश पर प्रदेश में 20 दिन में ही 14 पुरानी टेस्टिंग लैब और चार नई टेस्टिंग लैब की सहायता से कोरोना वायरस संक्रमितों के नमूनों के जांच करने की क्षमता प्रतिदिन 4500 तक बढ़ाई गई है। इसके पहले 14 पुरानी टेस्टिंग लैब की क्षमता केवल 2250 ही थी। जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
आकड़े को 5 हजार तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित
बता दें कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने केन्द्र सरकार से पांच संस्थानों में टेस्टिंग लैब शुरू करने की अनुमति पाते ही इन पुरानी टेस्टिंग लैब की क्षमता बढ़ा दी है। जिससे इन लैबों में कोरोना मरीजों के जांच के नमूनों की क्षमता 2250 से 4500 तक पहुंच गई। वहीं इस आकड़े को 5 हजार तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जो जल्द ही पूरा हो जाएगा।
ये हैं यूपी के 4 नए टेस्टिंग लैब
यूपी सरकार ने बरेली के केन्द्र सरकार के इंडियन वेटेनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, नोएडा के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल, आगरा के नेशनल जालमा इंस्टीट्यूट ऑफ लैबोरेट्री एण्ड माइकोबैक्टीरियल, लखनऊ के विष अनुसंधान केन्द्र और बीरबल साहनी रिसर्च इंस्टीट्यूट में कोरोना मरीजों के नमूनों की जांच की अनुमति प्राप्त कर ली है। वहां नमूनों की जांच का काम भी शुरू हो गया है। जल्द ही केन्द्र सरकार के दूसरे अनुसंधान केन्द्र सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट में भी नमूनों की जांच का काम शुरू हो जाएगा। इन संस्थानों में 100 से लेकर 500 की संख्या तक नमूनों की जांच की क्षमता है।
प्रदेश में 23 टेस्टिंग लैब कार्यरत
गौरतलब हो कि आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी और निजी टेस्टिंग लैब संचालित करने के मामले में यूपी का छठा स्थान है। प्रदेश में सरकारी और निजी टेस्टिंग लैब मिलाकर 23 लैब हैं। टेस्टिंग लैब के मामले में महाराष्ट्र पहले नम्बर पर है।