उन्नाव: पुलिस उत्पीड़न से आहत होकर आधी रात को कोतवाली परिसर में धरने पर बैठे BJP विधायक

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Jul, 2020 10:36 AM

unnao bjp mla sitting on dharna in kotwali campus at midnight due

सत्ता पक्ष के विधायक को यदि पुलिस की प्रताड़ना के खिलाफ कोतवाली में धरने पर बैठना पड़े तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है, सिर्फ उन्नाव ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में अफसरशाही पूरी तरह से हावी है। भाजपा का हर छोटा बड़ा कार्यकर्ता आहत...

उन्नावः सत्ता पक्ष के विधायक को यदि पुलिस की प्रताड़ना के खिलाफ कोतवाली में धरने पर बैठना पड़े तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है, सिर्फ उन्नाव ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में अफसरशाही पूरी तरह से हावी है। भाजपा का हर छोटा बड़ा कार्यकर्ता आहत है। आम जनता हो या भाजपा पदाधिकारी सभी अफसरशाही के शिकार हो रहे हैं। यदि बात हम उन्नाव की करें तो सदर विधायक पंकज गुप्ता कोरोना काल में भी जनता के हर सुख दुःख में शामिल रहने का काम किया है। वहीं विधायक आज पुलिस कार्यप्रणाली के खिलाफ सदर कोतवाली परिसर में रात 12 बजे धरने पर बैठ गये। कई घंटे बीत जाने के बाद भी ज़िला प्रशाशन टस से मस नहीं हुआ।

इंदिरा नगर में मंदिर निर्माण करा रहे लोगों को जिला अस्पताल चौकी प्रभारी रामजीत यादव पकड़ कर कोतवाली ले आए। जब यह मामला सदर विधायक के पास पहुंचा तो उन्होंने उन्हें  नियमानुसार छोड़ने के लिए कहा, लेकिन उन्हें छोड़ने के बजाए उनकी पिटाई कर उन्हें हवालात में डाल दिया गया। जबकि सीओ सिटी आश्वासन देते रहे कि कोई कार्यवाही नहीं होगी। जब पुलिस की दोहरी चाल के बारे में सदर विधायक को पता चला तो वह स्वयं कोतवाली पहुंच गए। तब पुलिस ने आनन फानन उन अभियुक्तों का चालान कर दिया। सदर विधायक तुरंत वहीं धरने पर बैठ गए।

वहीं लगभग 4 घंटे बाद सीओ सिटी सदर विधायक से वार्ता करने के लिए आए तो सदर विधायक ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिनको पुलिस द्वारा बन्द किया गया है, वे अपराधी नहीं है, उनके साथ पुलिस द्वारा जो मारपीट की गई है उसका चिकित्सीय परीक्षण कराकर दोषियों के खिलाफ मुकदमा लिखा जाए। जब बात नहीं बनी तो अपर पुलिस अधीक्षक ने भी प्रयास किया लेकिन वार्ता असफल रही। अंततः लगभग 6 घंटे बाद जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सदर कोतवाली परिसर पहुंचे। उन्होंने शिकायती पत्र लेते हुए आश्वस्त किया कि उनका चिकित्सीय परीक्षण कराकर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। तब धरना समाप्त हुआ।

अब देखना यह है कि इस मामले में कोई कार्यवाही होती है या सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाकर धरना समाप्त कराने का काम प्रशाशन द्वारा किया गया है। पुलिस की कार्यशैली में कोई सुधार नज़र आता है या सिर्फ कोरा आश्वासन ही रहेगा।
 

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!