Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Jul, 2023 04:28 PM

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने सभी मस्जिदों के इमामों से कहा है कि वह कल जुमे की नमाज से पहले नमाजियों के यूसीसी के बारे में विस्तार से जानकारी दें और उनसे यह कहें कि वह यूसीसी के...
लखनऊः आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने सभी मस्जिदों के इमामों से कहा है कि वह कल जुमे की नमाज से पहले नमाजियों के यूसीसी के बारे में विस्तार से जानकारी दें और उनसे यह कहें कि वह यूसीसी के सम्बन्ध में विधि आयोग के पास अपनी राय भेजें।
समान नागरिक संहिता मुसलमानों को मंजूर नहीं
मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली ने कहा है कि समान नागरिक संहिता मुसलमानों को मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा यूसीसी का इस्लामी शरीयत पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुसलमान आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर अमल करें।

यूसीसी पर मुसलमान जितनी तीखी प्रतिक्रिया देगा उतनी ही तेजी...
उधर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोईन अहमद ने कहा है कि यूसीसी पर मुसलमान जितनी तीखी प्रतिक्रिया देगा उतनी ही तेजी से हिन्दू वोटों का बीजेपी के पक्ष में ध्रुवीकरण होगा। इसी मकसद से इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू कर पाना इतना आसान नहीं है क्योंकि संविधान के मूल ढांचे से छेड़छाड़ सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित है।
समान नागरिक संहिता पर देशव्यापी सकारात्मक खुली बहस की जरूरत
डॉ. मोईन ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर देशव्यापी सकारात्मक खुली बहस की जरूरत है. यह मामला सिर्फ मुसलमानों का नहीं बल्कि सिक्ख, बौद्ध, इसाई, जैन और आदिवासी सभी प्रभावित होंगे. इस बारे में बोर्ड ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर सभी तथ्यों से अवगत करा दिया है. सरकार से कहा गया है कि वह अपने पूरे मसौदे के साथ सार्थक चर्चा कर ले. इस मुद्दे पर विवाद की जरूरत नहीं है।