UP: मुख्य सचिव ने दी हिदायत, ‘गंगा-यमुना में किसी भी दशा में न हो दूषित जल का प्रवाह’

Edited By Mamta Yadav,Updated: 08 Jan, 2025 11:08 PM

under no circumstances should polluted water flow into ganga yamuna

उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्देश दिये हैं कि गंगा और यमुना नदियों में किसी भी सूरत में दूषित जल का प्रवाह नहीं होना चाहिये। प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 की शीर्ष समिति की 17वीं बैठक को संबोधित करते हुये मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि यह...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्देश दिये हैं कि गंगा और यमुना नदियों में किसी भी सूरत में दूषित जल का प्रवाह नहीं होना चाहिये। प्रयागराज महाकुम्भ मेला 2025 की शीर्ष समिति की 17वीं बैठक को संबोधित करते हुये मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराया जाये कि गंगा और यमुना में दूषित जल प्रवाहित न हो। इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जाए। इसके अतिरिक्त अवशेष कार्यों को महाकुम्भ से पूर्व प्रत्येक दशा में पूरा करा लिया जाए।

बैठक में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
बैठक में महाकुंभ मेला की सुव्यवस्था, श्रद्धालुओं की सुविधाएं, सफाई व्यवस्था, जल संरक्षण और विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने बैठक में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए और महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए सभी अधिकारियों को सक्रिय रूप से काम करने की अपील की।

श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर सफाई की व्यवस्था को दें विशेष प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने अयोध्या में बनने वाली टेंट सिटी और रैन बसेरों की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर इन क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था को विशेष प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा, प्रयागराज और अन्य प्रमुख मार्गों पर स्थित सार्वजनिक टॉयलेट्स को साफ और उपयोग के योग्य बनाए रखने की बात कही। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि इन सार्वजनिक सुविधाओं का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति
बैठक में कई महत्वपूर्ण वित्तीय प्रस्तावों पर चर्चा की गई, और कुल 5358.28 लाख रुपये की लागत के छह प्रस्तावों को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें प्रमुख रूप से प्रयागराज मेला प्राधिकरण के 780.65 लाख रुपये के दो प्रस्ताव, उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के 1379 लाख रुपये के एक संशोधित प्रस्ताव, गृह विभाग के 1302.73 लाख रुपये के एक प्रस्ताव और परिवहन निगम के 1895.90 लाख रुपये के दो प्रस्ताव शामिल हैं। इन प्रस्तावों के तहत विभिन्न कार्यों जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण, विद्युत आपूर्ति, मार्ग प्रकाश, अस्थाई चौकियां, पीए सिस्टम और अन्य जनसुविधाओं को सुदृढ़ करने की योजना बनाई गई।

सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम महत्वपूर्ण
बैठक में सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत सूचनाओं और दुष्प्रचार को नियंत्रित करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। आईआईटी कानपुर को 70 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया ताकि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर निगरानी रखी जा सके और झूठी खबरों के प्रसार को रोका जा सके। यह कदम खासतौर पर सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार
महाकुंभ मेला के दौरान अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा अयोध्या में 400 व्यक्तियों के लिए टेंट सिटी और 3000 व्यक्तियों के लिए रैन बसेरों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 1379 लाख रुपये के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इस कदम से श्रद्धालुओं को ठहरने और खाने-पीने की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस बैठक में पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, एडीजी एल एण्ड ओ अमिताभ यश, सचिव गृह राजेश कुमार, और यूपीएसआरटीसी के एमडी मासूम अली सरवर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और बांदा, प्रयागराज, लखनऊ, चित्रकूट, मीरजापुर के मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारीगण भी बैठक में शामिल हुए।

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