Edited By Ramkesh,Updated: 26 Aug, 2024 02:32 PM
बीते दिनों में एक भाजपा विधायक ने मायावती के लिए विवादित टिप्पणी की थी इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। अखिलेश के पोस्ट के बाद मायावती ने भी सपा प्रमुख के लिए पोस्ट करते हुए उनका आभार जताया...
लखनऊ: बीते दिनों में एक भाजपा विधायक ने मायावती के लिए विवादित टिप्पणी की थी इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। अखिलेश के पोस्ट के बाद मायावती ने भी सपा प्रमुख के लिए पोस्ट करते हुए उनका आभार जताया था। अब उस आभार वाले पोस्ट के जवाब में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक और पोस्ट किया है अपने इस पोस्ट में अखिलेश यादव ने सबसे पहले लिखा कि “आभार” के लिए धन्यवाद!
सच तो ये है कि ये आभार उन लोगों का है जो पिछले दो दिनों से अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर अपना सक्रिय विरोध दर्शा रहे हैं। इस विरोध का मूल कारण है, भाजपा के एक विधायक द्वारा शोषित-वंचित समाज की एक सम्मानित भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी का सरेआम किया गया अपमान। सदियों से समाज के प्रभुत्ववादियों द्वारा किये जा रहे मानसिक-शारीरिक-आर्थिक-सामाजिक उत्पीड़न के विरुद्ध आज उपेक्षित व तिरस्कृत समाज के लोगों में यह जो नयी चेतना आई है, उसकी एकता और एकजुटता आनेवाले कल का सुनहरी समतावादी-समानतावादी इतिहास लिखेगी।
शोषित-वंचित समाज अब पीडीए में ही अपना भविष्य देख रहा है
ये एक शुभ संकेत है कि पीडीए समाज अब प्रभुत्ववादी सत्ताधीशों के विभाजनकारी खेल को समझने लगा है। चंद लोगों की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर, ये विघटनकारी सत्ताधारी भले कुछ लोगों को हाथ पकड़कर कुछ भी कहने-लिखने पर मजबूर कर लें परंतु मन से वो ‘कुछ मजबूर लोग’ भी हमारे ही साथ हैं क्योंकि ऐसे मजबूर लोग भी जानते हैं कि ये प्रभुत्ववादी कभी उनके भले के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। सदियों से शोषित-वंचित समाज के 99% लोग, अब पीडीए में ही अपना सुनहरा भविष्य देख रहे हैं।
नाइंसाफ़ी को ख़त्म करेगा पीडीए
जो राजनीतिक शक्तियाँ अपनी सत्ता को बचाने के लिए, अपने स्वार्थ भरे पत्रों पर दमित समाज से हस्ताक्षर करवाने पर बाध्य करती आई हैं, अब उनके बुरे दिन शुरू हो गये हैं। 90% में 99% जागरण आ गया है। पीडीए समाज में आया ये जागरण राजनीतिक दलों की सीमाएँ तोड़कर मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे पीडीए से जुड़ गया है। जो जुड़ने शेष हैं, वो भी आनेवाले समय में शेष नहीं रहेंगे। समाज की 90% जनसंख्या अर्थात पीडीए का आपस में 100% जुड़ जाना ही, सामाजिक न्याय की क्रांति होगा। ये एकता, हमख़्याली व इत्तिहाद ही सैकड़ों सालों से चली आ रही नाइंसाफ़ी को ख़त्म करेगा। पीडीए ही शोषित-वंचित का भविष्य है। हम एक हैं, एक रहेंगे। पीडीए एकता ज़िंदाबाद!