Edited By Pooja Gill,Updated: 10 Jul, 2024 10:59 AM
Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकन्दराराऊ में बीते 2 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी...
Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकन्दराराऊ में बीते 02 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 02, 03 और 05 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया। मंगलवार को यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश की गई। एसआईटी की रिपोर्ट में भोले बाबा के नाम का जिक्र तक नहीं है। आयोजकों और अफसरों को जिम्मेदार माना गया है। इस रिपोर्ट पर अब बसपा प्रमुख मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
'रिपोर्ट घटना के हिसाब से नहीं राजनीति से प्रेरित लगती है'
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि ''यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद।''
'बाबा की भूमिका पर SIT की खामोशी लोगों के लिए चिन्ता का कारण'
इससे आगे मायावती ने कहा कि ''इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।''
SIT की रिपोर्ट में आयोजकों समेत अधिकारियों को ठहराया गया दोषी
इस मामले में जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट में आयोजकों, अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है जिसके आधार पर राज्य सरकार ने मंगलवार को संबंधित उप जिलाधिकारी (एसडीएम) और पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) समेत 6 लोगों को निलंबित कर दिया है।