Edited By Ramkesh,Updated: 27 Jun, 2025 03:22 PM

हाल ही में कथावाचक 'चोटी' प्रकरण को लेकर चल रही सियासी बयानबाज़ी के बीच अब प्रसिद्ध संत और कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज का बयान सामने आया है। उन्होंने इसे सनातन संस्कृति का अपमान बताते हुए कहा कि किसी भी सनातनी की चोटी काटना या उसका अपमान करना...
मथुरा: हाल ही में कथावाचक 'चोटी' प्रकरण को लेकर चल रही सियासी बयानबाज़ी के बीच अब प्रसिद्ध संत और कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज का बयान सामने आया है। उन्होंने इसे सनातन संस्कृति का अपमान बताते हुए कहा कि किसी भी सनातनी की चोटी काटना या उसका अपमान करना निंदनीय कृत्य है।
"हम तो सभी से चोटी और तिलक रखने की बात कहते हैं"
देवकीनंदन महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति की पहचान तिलक और चोटी है, और हम लोगों को इन्हें सम्मानपूर्वक अपनाने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि व्यासपीठ की भी अपनी मर्यादा है, और इस पर वही व्यक्ति विराजमान होना चाहिए जो योग्य और श्रद्धावान हो। उन्होंने कहा, "हमने रसखान जैसे भक्तों की रचनाएं भी सुनी हैं और उनके पदों को भी गाया है, लेकिन मर्यादा और आस्था का पालन सबसे ज़रूरी है।"
राजनीति में सनातन को न बांटें: बिना नाम लिए अखिलेश पर निशाना
बिना किसी नेता का नाम लिए देवकीनंदन महाराज ने जातिवादी राजनीति पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ लोग केवल वोट बैंक के लिए सनातन को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इशारों में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि, "जब एक मुस्लिम टेंपो चालक पर 23 लड़कियों को अपने जाल में फंसाने का गंभीर आरोप लगा था, तब ऐसे बड़े नेता चुप क्यों थे?"
“क्या उन लड़कियों की कोई इज्जत नहीं थी?”
देवकीनंदन महाराज ने सवाल उठाया कि क्या उन बच्चियों और युवतियों की कोई गरिमा नहीं थी, जब वह प्रकरण सामने आया? तब किसी नेता ने न तो सार्वजनिक रूप से आवाज़ उठाई, और न ही कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने दोहराया कि सनातन संस्कृति को राजनीतिक लाभ के लिए निशाना बनाना गलत है।
“धर्म की रक्षा करना हर व्यक्ति का दायित्व”
अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने कहा कि भगवान राम क्षत्रिय रूप में और भगवान कृष्ण यदुवंशी रूप में धर्म की स्थापना हेतु अवतरित हुए थे। इसी प्रकार आज हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह धर्म और संस्कृति की रक्षा करे, न कि उसे राजनीति में उलझाए।