खेल मंत्री के आदेश को ठेंगाः घर में तैनाती न होने से नौकरी से किनारा कर रहे अंशकालिक प्रशिक्षक

Edited By Ajay kumar,Updated: 06 Sep, 2023 04:27 PM

sports minister s order defied due to lack of deployment at home

घर में तैनाती न होने से खेल प्रशिक्षक नौकरी से किनारा कर रहे हैं। खेल मंत्री के आदेश के बाद भी अंशकालिक प्रशिक्षकों को उनके घर में तैनाती नहीं दी जा रही है। आलम यह है कि नियुक्त पत्र मिलने के बाद ये अंशकालिक प्रशिक्षक खेल विभाग के चक्कर लगाने को...

लखनऊ: घर में तैनाती न होने से खेल प्रशिक्षक नौकरी से किनारा कर रहे हैं। खेल मंत्री के आदेश के बाद भी अंशकालिक प्रशिक्षकों को उनके घर में तैनाती नहीं दी जा रही है। आलम यह है कि नियुक्त पत्र मिलने के बाद ये अंशकालिक प्रशिक्षक खेल विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अंशकालिक प्रशिक्षकों के अनुसार प्रशिक्षण के लिये जो भी मानदेय मिलता है, वह बाहर रहने पर सिर्फ खाने और रहने में खर्च हो जाता है। इसी के चलते वह नौकरी छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

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किस खेल में कितने प्रशिक्षक रखे जायेंगे, इसका कोई मानक नहीं
अंशकालिक प्रशिक्षकों के अनुसार जो प्रशिक्षक घरों में तैनात रहे, उन्हें भी इस वर्ष तबादला कर बाहर भेज दिया गया। जब इसकी शिकायत लेकर अंशकालिक प्रशिक्षक खेल विभाग पहुंचे तो पता चला कि उस खेल में किसी और प्रशिक्षक को तैनात कर दिया गया। अब यहां पर जगह नहीं है। खास बात यह है कि एक शहर में किस खेल में कितने प्रशिक्षक रखे जायेंगे, इसका कोई मानक नहीं है। किसी जिले में एक खेल में तीन से पांच प्रशिक्षक मौजूद हैं। बहुत से खेल में एक ही प्रशिक्षक तैनात है, भले ही अलग-अलग स्टेडियम पर प्रशिक्षकों की जरूरत हो। खेल विभाग के अधिकारियों के करीबी प्रशिक्षकों को मनचाही तैनाती मिल जाती है।

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वेतन इतना नहीं होता कि लोग अपना घर छोड़ दूसरे जिलों में जाकर प्रशिक्षण कार्य कर सकेः प्रशिक्षक
अंशकालिक प्रशिक्षकों के अनुसार खेल विभाग से मिलने वाला वेतन इतना नहीं होता कि लोग अपना घर छोड़ दूसरे जिलों में जाकर प्रशिक्षण कार्य कर सकें। उनका वेतन रहने, खाने और आने-जाने में ही खर्च हो जाता है। वे अपने घर की आर्थिक मदद नहीं कर पाते हैं। जब तक - अंशकालिक प्रशिक्षकों की दिक्कतें दूर नहीं की जायेगी, खेल विभाग में प्रशिक्षकों की कमी बनी रहेगी। इसी के चलते खेलो इंडिया और एक जिला एक प्रशिक्षक जैसी योजनाएं दम तोड़ रही हैं। अंशकालिक प्रशिक्षकों ने खेल विभाग के अधिकारियों की मनमानी की जानकारी खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव को दी। उन्होंने प्रशिक्षकों की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया है। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अजय कुमार सेठी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व ही अंशकालिक प्रशिक्षकों की भर्ती के लिये आवेदन मांगे गये थे। इसमें विभिन्न खेलों के लिए 192 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। लेकिन मात्र 40 प्रशिक्षक ही ट्रायल में सही पाये गये। अधिकांश लोग ट्रायल देने नहीं आये

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