Edited By Mamta Yadav,Updated: 01 Aug, 2025 09:18 PM

उत्तर प्रदेश की जनपद शामली में पंचायत सहायक का बड़ा कारनामा सामने आया है। जहां एक वृद्धा को पंचायत सहायक द्वारा मृतक दर्शा दिया गया। वृद्ध माहिल को इस बात का पता तब चला जब वह अपनी वृद्धा पेंशन लेने के लिए बैंक पहुंची तो बैंक कर्मी ने कहा कि आपको...
Shamli News, ( पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश की जनपद शामली में पंचायत सहायक का बड़ा कारनामा सामने आया है। जहां एक वृद्धा को पंचायत सहायक द्वारा मृतक दर्शा दिया गया। वृद्ध माहिल को इस बात का पता तब चला जब वह अपनी वृद्धा पेंशन लेने के लिए बैंक पहुंची तो बैंक कर्मी ने कहा कि आपको मृतक दर्शाया गया है। इसलिए वृद्धा पेंशन रोक दी गई है। जिसके बाद से वृद्ध महिला सरकारी दफ्तरों में अपने जीवित होने का प्रमाण देता फिर रही है। लेकिन अब तक उसकी पेंशन चालू नहीं हो पाई है। जिसके चलते वृद्धा महिला हाथों में पंपलेट लेकर डीएम ऑफिस पहुंची। जिस पर लिखा हुआ था कि मेरा नाम रहमत है और मेरे पति स्वर्गीय रसीद है। जिसकी मृत्यु 2 साल पूर्ण हो गई थी। इसके बाद मेरी वृद्धा पेंशन बन गई थी। जांच के दौरान मुझे मृतक घोषित कर दिया गया। लेकिन मैं अभी जिंदा हूं। जिलाधिकारी ने महिला का शिकायती पत्र लेकर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन वृद्ध महिला को दिया है।
2 साल से वृद्धा पेंशन के लिए भटक रही महिला
बता दें कि थानाभवन क्षेत्र के गांव हसनपुर लुहारी निवासी वृद्ध महिला रहमत कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां उसने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देते हुए बताया कि उसके पति की मृत्यु करीब 2 साल पहले हो गई थी। जिसके बाद उसकी वृद्धा पेंशन बन गई थी। लेकिन आरोप है कि कुछ समय बाद पंचायत सहायक ने वृद्ध महिला को मृतक दिखाकर उसकी वृद्धा पेंशन को बंद करवा दिया। जो गलत रिपोर्ट के आधार पर बंद की गई है। महिला का कहना है कि उसे इस बात का पता तब चला जब वह बैंक में वृद्धा पेंशन लेने के लिए गई थी। जहां उसे बैंक कर्मी ने बताया कि उसे मृतक दर्शाया गया है। इसलिए पेंशन बंद की गई है।
बुजुर्ग महिला अब पेंशन के लिए खुदको जिंदा होने का दे रही सबूत
महिला ने बताया कि पंचायत सहायक द्वारा नियम अनुसार जांच नहीं की गई है। जिसके चलते जीवित होते हुए भी उसे मृतक दर्शा दिया गया है। जिसके बाद से ही पिछले काफी समय से वृद्ध महिला सरकारी अधिकारियों के दफ्तरों में जाकर कह रही है कि साहब मैं जिंदा हूं और मेरी पेशन चालू करा दी जाए। लेकिन उसके बावजूद भी आज तक उसके मामले का कोई समाधान नहीं हो पाया है। जिसके चलते महिला ने अब जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर स्वयं के जिंदा होने के प्रमाण देते हुए महिला की वृद्धा पेंशन पुनः चालू करवाए जाने व अपने कर्तव्य का ठीक से निर्वाण न करने वाले पंचायत सहायक के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग की है।