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Salkhan Fossils Park: सोनभद्र में है 150 करोड़ साल पुराना फॉसिल्स पार्क, जानें इस अमूल्य धरोहर का इतिहास

Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Jun, 2023 04:28 PM

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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर सलखन गांव के पास स्थित 'सलखन फासिल्स पार्क' विश्व प्रसिद्ध है। यह फासिल्स पार्क 150 करोड़ वर्ष से भी ज्यादा पुराना....

Salkhan Fossils Park (ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी): उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर सलखन गांव के पास स्थित 'सलखन फासिल्स पार्क' विश्व प्रसिद्ध है। यह फासिल्स पार्क 150 करोड़ वर्ष से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है। इस फॉसिल्स पार्क की खासियत यह है कि, जहां विश्व के सबसे प्राचीन फॉसिल्स हैं और यहां फासिल्स 5 एकड़ के बड़े क्षेत्र में मौजूद हैं। देश- विदेश के भू-वैज्ञानिक जहां अध्ययन के लिए अक्सर आते हैं।

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कार्बन डेटिंग के माध्यम से  इस पार्क की प्राचीनता प्रमाणित की गई है। स्थानीय लोगों और इतिहासकारों का कहना है कि यदि इस फासिल्स पार्क का प्रचार प्रसार किया जाए तो यह विश्व के पर्यटन की नक्शे पर आ सकता है।

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'कभी समुद्र में डूबा हुआ था यह क्षेत्र'
वहीं, सोनभद्र जिले के इतिहासकार दीपक केसरवानी ने बताया कि ये प्राचीन जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के फासिल्स हैं। इनकी उम्र 150 करोड़ वर्ष से भी अधिक है। ये फासिल्स सोनभद्र के सलखन के 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले हुए है। सबसे पहले वर्ष 2000 में सोनभद्र के तत्कालीन जिलाधिकारी भगवान शंकर ने इसका संरक्षण कराया था। धीरे-धीरे यह लोगों की नजर में आया। कभी यह क्षेत्र समुद्र में डूबा हुआ था।

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बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान लखनऊ की टीम भी यहां दौरा कर चुकी है, और देश-विदेश की वैज्ञानिकों की टीम जहां अध्ययन के लिए आती रहती है। अगर इस स्थान का ठीक से विकास किया जाए तो सोनभद्र न सिर्फ पर्यटन के क्षेत्र में उभरेगा, बल्कि यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

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उन्होंने यह भी कहा कि जहां पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी आ चुकी हैं और उन्होंने इस स्थान को पर्याप्त विकसित करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कुछ हो नहीं सका है।

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अमेरिका के यलो स्टोन पार्क से भी ज्यादा पुराना सलखन पार्क
फॉसिल्स की देखरेख के लिए एक कर्मचारी गौतम की नियुक्ति वन विभाग द्वारा की गई है। उसने बताया कि जहां 5 एकड़ में फासिल्स पाए जाते हैं और बाकी 20 एकड़ में वन क्षेत्र है। प्रयागराज से सलखन फासिल्स पार्क देखने आए पीयूष मिश्रा ने बताया लगभग 7 वर्ष पहले उन्हें इस स्थान की जानकारी हुई थी। जहां पर बहुत से वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के फॉसिल्स हैं। इसके अलावा यहां आसपास के क्षेत्रों में भी फॉसिल्स बिखरे पड़े हुए हैं।

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सोनभद्र के फॉसिल्स न केवल अध्ययन बल्कि रिसर्च के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ये फासिल्स हमारी प्राचीन विरासत के साथ-साथ धरोहर भी है, जिसका हमें संरक्षण भी करना चाहिए। सलखन फॉसिल पार्क अमेरिका के यलो स्टोन पार्क से भी ज्यादा पुराना और विस्तृत क्षेत्र में स्थित है। यदि इसका पर्याप्त विकास किया जाए तो सोनभद्र के लोगों को पर्याप्त रोजगार भी मिलेगा।

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