Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Nov, 2020 08:56 PM
लखनऊ, पांच नवम्बर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के गठन के लिये सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी कर इसे क्रियाशील करने के निर्देश दिये हैं।
लखनऊ, पांच नवम्बर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के गठन के लिये सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी कर इसे क्रियाशील करने के निर्देश दिये हैं।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बृहस्पतिवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के गठन के लिये जरूरी सभी औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी कर इस बल को अमली जामा पहनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी कोशिश की जा रही है कि आगामी गणतंत्र दिवस की परेड में इस नये बल की टुकड़ी भी भाग ले सके।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक अवस्थी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में इस विशेष बल के गठन को लेकर अब तक हुई कार्यवाही की प्रगति की समीक्षा भी की गयी।
उल्लेखनीय है कि राज्य की प्रमुख सरकारी इमारतों, अदालतों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था को 'पेशेवर' तरीके से सुनिश्चित करने के लिये अलग से 'उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स' के गठन का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में इस विशेष सुरक्षा बल की पांच वाहिनियां गठित की जानी है।
प्रवक्ता के मुताबिक गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इस नये बल के लिये एक अपर पुलिस महानिदेशक, एक पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, एक पुलिस अधीक्षक, दो पुलिस उपाधीक्षक एवं निरीक्षक स्तर के अधिकारी की तत्काल तैनाती की जाये, जिनको स्थापना सम्बन्धी कार्यों का अनुभव हो। इस विशेष बल के संचालन के लिये तैयार की जा रही नियमावली को भी एक सप्ताह में शासन के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस बल को शीघ्र क्रियाशील करने के मकसद से तात्कालिक रूप से तीन वर्ष की अवधि के लिये प्रतिनियुक्ति पर पुलिस कर्मियों की तैनाती कर ली जाय। उसके बाद चरणबद्ध रूप से नियमानुसार व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
प्रवक्ता के अनुसार बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में इस बल की तैनाती सभी जनपदीय अदालतों, उच्च न्यायालय और मेट्रो स्टेशनों पर की जायेगी। उसके बाद बल की उपलब्धता बढ़ते ही अन्य निर्धारित स्थानों पर इसकी तैनाती की जा सकेगी।
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