Edited By Pooja Gill,Updated: 16 Dec, 2024 12:37 PM
महाकुंभनगर: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने की दिशा में भारतीय रेलवे ने राज्य सेतु निगम के साथ मिलकर सभी रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज (ROB) या रोड अंडर ब्रिज (RUB) का निर्माण कर लगभग पूरा...
महाकुंभनगर: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने की दिशा में भारतीय रेलवे ने राज्य सेतु निगम के साथ मिलकर सभी रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज (ROB) या रोड अंडर ब्रिज (RUB) का निर्माण कर लगभग पूरा कर लिया है, जिससे महाकुम्भ मेले से पूर्व प्रयागराज रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त हो जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि प्रयागराज के रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त होने से रेल गाड़ियों के परिचालन में सुविधा होने के साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी होगी ही, साथ ही शहरवासियों को घंटों के जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी।
महाकुंभ से पहले ROB और RUB से यातायात का परिचालन शुरू होगा
प्रयागराज रेल मण्डल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि प्रयागराज शहर के अंदर ही नहीं बल्कि आस-पास के क्षेत्रों की भी लगभग सभी रेलवे क्रॉसिंग पर जरूरत के मुताबिक आरओबी या आरयूबी का निर्माण अंतिम चरण में है। महाकुंभ की शुरूआत से पहले ये पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि बेगम बाजार, बमरौली-मनौरी, छिवकी, दीनदयाल उपाध्याय-प्रयागराज, प्रयाग-फाफामऊ और प्रयाग-प्रयागराज जंक्शन के बीच सात रेल ओवर ब्रिज का निर्माण लगभग 375 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रयाग यार्ड, झूंसी और अंदावा-कनिहार मार्ग पर लगभग 40 करोड़ रुपये की लागत से तीन रेल अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। महाकुम्भ से पहले ये सभी आरओबी और आरयूबी से यातायात का परिचालन शुरू हो जाएगा।
मेले में देशी गोवंश नस्लों को प्रदर्शित करने की योजना
वहीं, महाकुंभ देशी गोवंश नस्लों को प्रदर्शित करने की भी योजना है। दरअसल, छोटे कद काठी की ‘पुंगनूर' गाय के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक वीडियो से प्रेरणा लेते हुए जयपुर के उद्यमी राहुल शर्मा ने महाकुंभ मेले में देशी गोवंश की नस्लों को प्रदर्शित करने की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित हुआ था। ‘नमामि गौ मातरम फाउंडेशन' के संस्थापक राहुल शर्मा ने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को पुंगनूर गाय को दुलारते देख मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों ना विश्व के सबसे बड़े समागम में देशी गोवंश की प्रदर्शनी लगाई जाए ताकि लोग भारतीय नस्ल की गायों को देख और उनके बारे में जान सकें।''