Edited By Anil Kapoor,Updated: 06 Jun, 2023 10:40 AM
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 18 साल पहले हुए पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में फरार आरोपी अब्दुल कवि की निशानदेही पर पुलिस ने असलम का जखीरा बरामद किया है। उमेश पाल की हत्या के बाद अब्दुल कवी कि गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबाव बनाना...
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 18 साल पहले हुए पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में फरार आरोपी अब्दुल कवि की निशानदेही पर पुलिस ने असलम का जखीरा बरामद किया है। उमेश पाल की हत्या के बाद अब्दुल कवी कि गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबाव बनाना शुरू कर दिया था। भगोड़े अब्दुल कवि ने सख्ती के बाद मार्च महीने में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। जिसके बाद कौशांबी पुलिस ने 36 घंटे की रिमांड ली थी। कौशांबी पुलिस को आशंका थी कि अब्दुल कवी ने कई ठिकानों पर असलहे, कारतूस एवं बम छुपा कर रखा है। उसे बीते रविवार को लखनऊ से कौशांबी लाने के बाद पैतृक गांव भखन्दा ले जाया गया। जहां पर पुलिस ने पूछताछ कर भारी मात्रा में अवैध तमंचा, कारतूस एवं देसी बम बरामद किया। उसके खिलाफ सरायअकिल थाना में अभियोग पंजीकृत किया गया। इसके बाद दोबारा लखनऊ की जेल में शिफ्ट करा दिया गया।
बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े कर दी गई थी हत्या
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े भरी बाजार में गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में अतीक अहमद उसके भाई अशरफ सहित कौशांबी के सरायअकिल थाना क्षेत्र के भखन्दा निवासी अब्दुल कवि का नाम भी सामने आया था। घटना के बाद से अब्दुल कवी पुलिस को चकमा देकर फरारी काटता रहा। लगभग 18 वर्षों तक वह फरार रहा। 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई तो फरार अब्दुल कवी की खोजबीन शुरू हो गई।
सर्च ऑपरेशन में भारी मात्रा में अवैध असलहे, कारतूस, बम एवं धारदार हथियार हुए बरामद
कौशांबी पुलिस ने अब्दुल कवि के पैतृक गांव भखन्दा सहित आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस तरह ऑपरेशन में भारी मात्रा में अवैध असलहे, कारतूस बम एवं धारदार हथियार बरामद हुए। इतना ही नहीं अदालत के आदेश पर पुलिस ने अब्दुल कवी का मकान भी जमींदोज करा दिया। इसके अलावा अब्दुल कवी के भाई, परिवार के सदस्य एवं रिश्तेदारों को भी गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाने लगी। दबाव बढ़ने पर अब्दुल कवी ने मार्च महीने में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कौशांबी पुलिस को 24 मई को 14 दिन की रिमांड मिली। कौशांबी पुलिस ने 30 मई को लखनऊ कारागार अब्दुल कवी से पूछताछ के लिए पहुंची तो अब्दुल कवी ने बरामद असलहो के बारे में बताया ही।
पुलिस ने 3 जून को लखनऊ कोर्ट में 36 घंटे की पुलिस रिमांड लेकर जनपद लाने का दिया था प्रत्यावेदन
इसके अलावा अन्य अवैध हथियारों के बारे में भी पुलिस को बताया। कौशांबी पुलिस ने 3 जून को लखनऊ कोर्ट में 36 घंटे की पुलिस रिमांड लेकर जनपद लाने का प्रत्यावेदन दिया। न्यायालय ने अब्दुल कवी को 36 घंटे की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। 4 जून को कौशांबी पुलिस उसे लखनऊ से लेकर सीधे कौशांबी पहुंची। यहां पर उसके गांव भखन्दा में जाकर यमुना के किनारे, घर के पिछवाड़े एवं मस्जिद के पिछवाड़े जमीन में गाड़े गए असलहे, बम एवं कारतूस को खुदवाया गया। इन जगहों से भारी मात्रा में असलहे का जखीरा, कारतूस एवं देसी बम बरामद हुए। पुलिस ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर दोबारा लखनऊ की जेल शिफ्ट कर दिया।
अब्दुल कवि की निशानदेही पर अवैध हथियारों का जखीरा हुआ बरामद
एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब्दुल कवि को सरायअकिल थाना के एक मुकदमे में 36 घंटे के पुलिस रिमांड पर लिया गया था। उसकी निशानदेही पर अवैध हथियारों का जखीरा मिला हुआ है। इसमें 10 तमंचे 315 बोर, 12 बोर के 10 तमंचे एवं एक रिवाल्वर मिली हुई है। कुछ विस्फोटक मिले हुए हैं। 315 और 22 बोर के कारतूस मिले हुए हैं। उसको सकुशल जेल में दाखिल कर दिया गया है। इसमें नियमानुसार जो विधिक कार्रवाई है वह आगे हम लोग करेंगे। कई चीजें पूछी गई है। वह हमारी विवेचना का विषय है। समय आने पर बता दिया जाएगा।