UP में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, जानें क्या है यह

Edited By Ajay kumar,Updated: 13 Jan, 2020 12:01 PM

police commissioner implemented in up know what it is

सोमवार को योगी कैबिनेट की हुई अहम बैठक में कमिश्नरी प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। लखनऊ और नोएडा में जल्द  पुलिस...

लखनऊः सोमवार को योगी कैबिनेट की हुई अहम बैठक में कमिश्नरी प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। लखनऊ और नोएडा में जल्द  पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू हो जाएगी। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी थी। इस दौरान CM योगी ने पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस कमिश्नरी प्रणाली पर मंथन किया था।लखनऊ और नोएडा के SSP का तबादला किया जा चुका है। अभी तक उनकी जगह किसी की तैनाती नहीं की गई है।

50 सालों से उठ रही थी बेहतर पुलिसिंग की मांग, हमारी सरकार ने उसे पूरा किया है
इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। कॉन्फ्रेंस के दौरान CM ने कहा कि UP के लिए आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पुलिस विभाग का सबसे बड़ा कदम हमारी सरकार ने उठाया है।50 सालों से जो बेहतर पुलिसिंग की मांग उठ रही थी, उसे आज हमारी सरकार ने पूरा किया है।

लखनऊ और नोएडा में किया जाएगा लागू
कमिश्नरी सिस्टम को लखनऊ और नोएडा में अभी इसे लागू करने की मंजूरी दी गई है। जिसकी मांग लंबे समय से उठ रही थी। लखनऊ की आबादी 40 लाख के आसपास है। वहीं नोएडा में आबादी 25 लाख के आसपास है।

सीएम ने बताया कि लखनऊ में ADG स्तर का अधिकारी पुलिस कमिशनर होगा, दो IG रैंक के अधिकारी होंगे। नौ SP रैंक के अधिकारी होंगे। एक महिला SP रैंक की अधिकारी और एक एडिशनल SP रैंक की महिला अधिकारी की तैनाती होगी। वहीं, नोएडा को लेकर सीएम ने कहा कि नोएडा प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में आगे बढ़ा है। एक ADG रैंक का अधिकारी पुलिस कमिश्नर होगा। दो DIG स्तर के अधिकारी और 5 SP रैंक के अधिकारी की तैनाती होगी। वहां दो नए थाने भी बनाये जा रहे हैं।

योगी सरकार का तर्क- इससे जिले की कानून व्यवस्था होगी बेहतर
गौरतलब है कि बीते कई दिनों से पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को लागू करने के लिए मंथन चल रहा था। इसे लागू करने के पीछे योगी सरकार का तर्क है कि इससे जिले की कानून व्यवस्था बेहतर होगी। इसके लागू होने से पुलिस कमिश्नर के पास कानून और व्यवस्था सहित तमाम प्रशासनिक अधिकार भी रहेंगे।

जानें क्या है कमिश्नर प्रणाली
आजादी से पहले अंग्रेजों के दौर में कमिश्नर प्रणाली लागू थी, इसे आजादी के बाद भारतीय पुलिस ने अपनाया। इस वक्त यह व्यवस्था 100 से अधिक महानगरों में सफलतापूर्वक लागू है। भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग 4 के तहत जिला अधिकारी के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं। इसके अलावा, दण्ड प्रक्रिया संहिता, एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कानून और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ शक्तियां देता है।

1 कमिश्नर प्रणाली लागू होने से पुलिस के पास अधिकार बढ़ जाएंगे।

2 कानून व्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर ही निर्णय ले सकेंगे।

3 जिले के DM के पास अटकी रहने वाली तमाम अनुमति की फाइलों का लफड़ा खत्म हो जाएगा।

4 SDM और ADM को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्टेरियल पावर पुलिस को मिल जाएंगी।

5 पुलिस शांति भंग की आशंका में निरुद्ध करने से लेकर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका लगाने में सक्षम हो जाएगी।

6 इन सभी कार्रवाई के लिए DM की परमिशन का झंझट खत्म कर पुलिस कमिश्नर इस पर फैसला ले सकेंगे।

 

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