Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 May, 2024 05:18 PM
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अध्ययन में बताया है कि हिंदुओं की जनसंख्या 1950 और 2015 के बीच 7.8 फीसदी...
अयोध्या: प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अध्ययन में बताया है कि हिंदुओं की जनसंख्या 1950 और 2015 के बीच 7.8 फीसदी गिरी है तो मुस्लिम आबादी जबरदस्त बढ़ी है। इस पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य आचार्य सत्येंद्र दास ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं में जब कहा गया था कि ‘हम दो, हमारे दो’ तो हिंदुओं ने अपने जनसंख्या कम कर ली, लेकिन मुस्लिमों की जनसंख्या कम नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भारत को इस्लामिक राज्य घोषित करने पर भी विचार भी किया। अगर देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ती रहेगी और हिन्दू की कम होती रहेगी तो यह खतरनाक है। देश के बंटवारे के समय में नेताओं ने छूट दी थी कि जो जहां रहना चाहे वहां रह सकता है। इसके तहत पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं की हत्या हो गई और यहां भारत में मुस्लिमों को संरक्षण मिला तो वो बढ़ते रहे।
वहीं, महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के दिगंबर स्वामी सुरेंद्र पुरी महाराज का कहना है कि भारत में आबादी का घनत्व एक विशेष धर्म के लोगों का बढ़ता जा रहा है, जिससे असंतुलन पैदा हो रहा है। ये देश की राष्ट्रीय एकता अखंडता व संविधान के लिए खतरा है। साथ ही साथ एक एजेंडे के तहत एक धर्म के लोगों के द्वारा अपनी आबादी बढ़ाई जा रही है। इस तरह से हिंदुओं की आबादी कम हो जाएगी और सनातन धर्म के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना चाहिए।