Edited By Ramkesh,Updated: 24 Mar, 2025 06:29 PM

जिले में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर हर साल आयोजित होने वाले प्रसिद्ध जेठ मेले के वार्षिक ठेकों की नीलामी को वक्फ दरगाह शरीफ प्रबंधन ने "अपरिहार्य कारणों" का हवाला देते हुए स्थगित कर दिया है। दरगाह शरीफ के प्रभारी प्रबंधक अलीमुल हक द्वारा...
बहराइच: जिले में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर हर साल आयोजित होने वाले प्रसिद्ध जेठ मेले के वार्षिक ठेकों की नीलामी को वक्फ दरगाह शरीफ प्रबंधन ने "अपरिहार्य कारणों" का हवाला देते हुए स्थगित कर दिया है। दरगाह शरीफ के प्रभारी प्रबंधक अलीमुल हक द्वारा हस्ताक्षरित यह नोटिस रविवार को दरगाह के गोलघर कार्यालय के बाहर चिपकाया गया। पत्र में लिखा है, “यजदमाही तहबाजारी के वार्षिक ठेके के साथ-साथ 2025-26 के लिए शीरीनी, चादर, फूल, अर्जी, कौड़ी और मुंडन के ठेकों की नीलामी दरगाह शरीफ प्रबंधन समिति के तत्वावधान में होनी थी, लेकिन "अपरिहार्य कारणों" से इसे अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।
प्रशासन से मेले की अनुमति लेने जैसी कोई परंपरा नहीं
इस संबंध में दरगाह शरीफ प्रबंध समिति अध्यक्ष बकाउल्ला ने सोमवार को कहा कि मेले के इंतजाम हेतु जो नीलामी होनी थी उसके लिए कुछ कागजात अधूरे थे, इसलिए उक्त नीलामी के संबंध में बीते रविवार को होने वाली बैठक व नीलामी को कुछ दिन के लिए स्थगित किया गया है। मेला प्रभारी नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने पूछे जाने पर सोमवार को कहा कि “मेले की दुकानें नीलाम करने के संबंध में प्रशासन से अनुमति लेने जैसी कोई परंपरा नहीं रही है। इस बार भी नीलामी होने या स्थगित किए जाने जैसी कोई सूचना प्रशासन को नहीं दी गयी है।
सैयद सालार मसऊद गाजी के नाम पर संभल में लगने वाले मेले की नहीं मिली अनुमित
इससे पहले संभल में सैयद सालार मसऊद गाजी के नाम पर हर साल लगने वाले नेजा मेला की इस बार वहां के जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद बहराइच में कुछ हिंदूवादी संगठनों ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री व राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर सैयद सालार मसऊद गाजी के नाम पर दरगाह शरीफ, बहराइच में आगामी जेठ माह में लगने वाले मेले पर रोक लगाने की मांग की थी।
"आक्रांता का महिमामंडन करना मतलब देशद्रोह
हिंदूवादी संगठन बीते कई वर्षों से महाराजा सुहेलदेव को अपना आदर्श और सैयद सालार मसूद को आक्रांता बताते रहे हैं। जिस स्थान पर मेला लगता है उसे हिंदूवादी संगठन सूर्य कुंड बताते हैं। पिछले 20 मार्च को एक कार्यक्रम में बहराइच आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में संभवत: महाराजा सुहेलदेव का महिमामंडन किया था। अपने भाषण में योगी ने यह भी कहा था कि "आक्रांता का महिमामंडन करना मतलब देशद्रोह की नींव को पुख्ता करना है और स्वतंत्र भारत ऐसे किसी भी देशद्रोही को स्वीकार नहीं कर सकता। नेजा मेले पर कुछ ही दिन पूर्व प्रतिबंध लगाने के मद्देनजर लोग इसे बहराइच के दरगाह शरीफ मेले से जोड़कर देख रहे हैं।