निर्भया कांडः मां काली की पूजा के बाद दरिंदों को फांसी देंगे पवन जल्लाद

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 13 Dec, 2019 03:01 PM

nirbhaya scandal pawan executioner will hang

दुनिया भर के लोगों को हिलाने वाले निर्भया दिल्ली कांड ने जहां देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी गुस्सा भरा पड़ा है। ऐसे में चारों दरिंदों को जल्द फांसी पर ...

मेरठः दुनिया भर के लोगों को हिलाने वाले निर्भया दिल्ली कांड ने जहां देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी गुस्सा भरा पड़ा है। ऐसे में चारों दरिंदों को जल्द फांसी पर चढ़ाने के लिए जल्लाद (Hang man) पवन तैयार है। पवन ने बताया है कि वह मां काली की पूजा कर के ही गुनहगारों को फांसी पर लटकाता है। पवन का कहना कि उसे बस शासन के आदेश का इंतजार है। जैसे ही उसे आदेश मिलेगा वो निर्भया के गुनहगारों को फांसी चढ़ा देगा।

बता दें कि पवन उत्तर प्रदेश सरकार की मेरठ जेल से जुड़ा है। उसने कहा कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाना बहुत ही नेक काम है। इससे बड़ा काम उसके जीवन में कोई दूसरा नहीं हो सकता है। वो इस बात पर जीवन भर गर्व महसूस करेगा कि उसने ऐसे दानवों को फांसी पर लटकाया था जिन्होंने जघन्य अपराध किया था।

चार पीढ़ियों से फांसी देता आ रहा है पवन जल्लाद का घर
पवन का परिवार मेरठ की कांशीराम आवासीय कॉलोनी में एक कमरे के मकान में रहता है। जिस घर में पवन जल्लाद रहता है उसमें चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं। पवन बताते हैं उनके दादा ने रंगा-बिल्ला को फांसी दी थी। उनका परिवार चार पीढ़ियों से फांसी देता आ रहा है।
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फांसी देने के काम को महज एक पेशे के तौर पर देखते हैं पवन जल्लाद
हालांकि इस सब के बीच पवन जल्लाद के जीवन का दूसरा पहलू भी है। दुनिया भले ही उसे पवन जल्लाद के नाम से जानती है। लेकिन असल जिंदगी में वो बेहद विनम्र स्वभाव का है। वो रोजाना काली मां की आराधना कर घर से निकलता है। कम ही लोग जानते हैं कि पवन जल्लाद का असली नाम सिंधी राम है। लगभग 56 वर्षीय पवन जल्लाद फांसी देने के काम को महज एक पेशे के तौर पर देखते हैं। उनका कहना है कि कोई व्यक्ति न्यायपालिका से दंडित हुआ होगा और उसने वैसा काम किया होगा, तभी उसे फांसी की सजा सुनाई गई होगी, लिहाजा वो केवल अपने पेशे को ईमानदारी से निभाने का काम करते हैं।

पवन जल्लाद को इस काम से जुड़े लंबा समय हो गया है। जब वह किशोर अवस्था में था तब अपने पिता कालू जल्लाद के साथ फांसी के काम में उनकी मदद करता था। कालू जल्लाद ने अपने पिता लक्ष्मण सिंह के निधन के बाद वर्ष 1989 में ये काम संभाला था। कालू ने अभी तक 60 से ज्यादा लोगों को फांसी दी है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को चढ़ाई फांसी भी शामिल है। उन्हें फांसी देने के लिए कालू को विशेष तौर पर मेरठ से बुलाया गया था। इससे पहले रंगा और बिल्ला को भी फांसी देने का काम उसने किया था।

 

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