Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 04 Sep, 2021 05:31 PM

आगामी यूपी चुनाव में जीत निश्चित करने के लिए लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कोई ना कोई तीर तुक्के लगाने में व्यस्त हैं। इसी कड़ी में AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी यूपी में अपनी पैंठ मजबूत करने की कोशिश में हैं। ओवैसी 7 सितंबर को अयोध्या दौरे पर आ...
अयोध्या: आगामी यूपी चुनाव (Up Election) में जीत निश्चित करने के लिए लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कोई ना कोई तीर तुक्के लगाने में व्यस्त हैं। इसी कड़ी में AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भी यूपी में अपनी पैंठ मजबूत करने की कोशिश में हैं। ओवैसी 7 सितंबर को अयोध्या दौरे पर आ रहे हैं। अयोध्या मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर रुदौली क्षेत्र में एआईएमआईएम की सियासी सभा ‘शोषित वंचित समाज सम्मेलन’ नाम से आयोजित की गई है। AIMIM के सम्मेलन को लेकर संत समाज(saint samaj) के बाद अब मुस्लिम समाज में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कभी बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे पक्षकार रहे इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) में विरोध में उतर आए हैं।

अयोध्या में ओवैसी की ज़रूरत नहीं- इकबाल अंसारी
इकबाल अंसारी ने भारत के मुसलमानों से अपील की है कि वो बहकावे में ना आएं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में ओवैसी की ज़रूरत नहीं है। मुस्लिमों पर राजनीति करना नेताओं की सोच है। ओवैसी साहब जैसे नेताओं से लोग होशियार रहें। प्रदेश में धर्म की राजनीति करना मुसलमानों को धोखा देना है। इकबाल अंसारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति ओवैसी चाहें तो हैदराबाद में करें। अयोध्या में सभी धर्म के लोग आते हैं, यह धर्म की नगरी है, लेकिन हिंदुस्तान के मुसलमान ओवैसी से होशियार रहें क्योंकि हिंदू और मुसलमान की राजनीति ओवैसी के अलावा कोई नहीं करता।

'फैजाबाद लिखे हुए पोस्टरों को हटवाएं'
ओवैसी के आगमन को लेकर लगे पोस्टरों में अयोध्या की जगह फैजाबाद लिखे जाने पर अंसारी ने कहा कि उनको अयोध्या पसंद नहीं आई इसलिए उन्होंने फैजाबाद लिखा। पूरी दुनिया के लोग अयोध्या के नाम से अयोध्या को जानते हैं। अंसारी के मुताबिक ‘ओवैसी ने पहला गलत काम यही कर दिया कि फैजाबाद लिखवाया। सारे धर्म और सभी जाति के लोग जिले को अयोध्या लिखते हैं। फैजाबाद लिखने की ज़रूरत नहीं थी। ओवैसी ने जो पोस्टर छपवाया है, वह बिल्कुल गलत है। हमारी मांग है कि फैजाबाद लिखे हुए पोस्टरों को हटवाएं। बता दें कि इन पोस्टरों को लेकर संत समाज ने भी नाराजगी जताई है।