यूपी के इस जिले में बंदरों का आतंक : CHC में रोज पहुंच रहे 100 घायल, अबतक दो की हो चुकी है मौत, यूं लगाएं लगाम

Edited By Purnima Singh,Updated: 12 Jan, 2025 05:16 PM

monkey terror in ghaziabad 100 injured reaching chc every day

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर में बंदरों के आतंक ने लोगों को परेशान कर दिया है। कस्बे में लगातार बढ़ रहे बंदरों के आतंक से परेशान लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। बंदर हर रोज बच्चों, बुजुर्गों, राहगीरों और महिलाओं को अपना निशाना बना...

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर में बंदरों के आतंक ने लोगों को परेशान कर दिया है। कस्बे में लगातार बढ़ रहे बंदरों के आतंक से परेशान लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। बंदर हर रोज बच्चों, बुजुर्गों, राहगीरों और महिलाओं को अपना निशाना बना रहे हैं। बंदरों के डर से बच्चों ने घर के बाहर और छत पर खेलना बंद कर दिया है। लोग नगर पालिका प्रशासन से हर रोज बंदरों से छुटकारा दिलाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बता दें कि सीएचसी में हर दिन 75 से 100 मरीज बंदरों और डॉगी के हमले से घायल पहुंच रहे हैं।

गाजियाबाद की हर कॉलोनी में बंदरों का आतंक 
जिले में बंदरों का आतंक इस कदर फैला हुआ है कि बंदरों के हमले से छत पर टहल रहे लोगों की गिरने से मौत हो चुकी है। गोविंदपुरी डबल स्टोरी और भूपेंद्रपुरी में छत पर टहल रहे दो लोगों की छत से गिरने से मौत हुई है। गाजियाबाद की कोई ऐसी कॉलोनी नहीं है, जहां दिन निकलते ही बंदरों का झुंड न दिखाई देता हो। नई कॉलोनी, देवेंद्रपुरी, उमेश पार्क, तेल मिल गेट कॉलोनी में पूरे दिन बंदर छत और दीवारों पर बैठे रहते हैं। विरोध करने पर वह हमला कर देते हैं। 

एक साल पहले नगर पालिका ने कार्रवाई शुरू की थी
गौरतलब हो कि एक साल पहले नगर पालिका ने बंदरों को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन पीपुल्स फॉर एनिमल्स नामक एक संस्था के विरोध पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई। अब नगर पालिका परिषद से शहरवासी लगातार बंदरों से छुटकारा पाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। 

गलियों में निकलना दूभर
बंदरों की बढ़ रही संख्या के चलते गलियों में लोगों का निकला दूभर हो गया है। बंदरों का झुंड घरों में घुसकर सारा रखा सामान उठा कर ले जाता है। महिलाएं जब भी छतों पर कपड़े सुखाने जाती हैं तो वह उनपर भी हमला कर देते हैं। महिलाएं कपड़े सुखाने के बाद उनकी रखवाली करती हैं। बंदर छतों पर सूखने वाले कपड़े तक नहीं छोड़ रहे हैं, उन्हें भी ले जाते हैं।

दुकानों के गेट पर लग रहे जाल ; बिजली के मीटर तोड़ चुके बंदर 
बंदरों के आतंक से गली-मोहल्लों में छोटी-छोटी किराना की दुकान लगाने वाले दुकानदार परेशान हैं। गोविंदपुरी क्षेत्र के दुकानदारों ने बंदरों के डर से दुकानों के बाहर लोहे का जाल लगवाना शुरू कर दिया है, क्योंकि बंदर दुकान में घुस जाते हैं और कोई न कोई समान ले जाते हैं। साथ ही मकान के गेट पर लगा बिजली का मीटर भी बंदर तोड़ देते हैं। नगर पालिका से अनेकों बार बंदरों को पकड़ने की मांग की जा चुकी है।

CHC में रोजाना पहुंच रहे 100 मरीज
बंदरों के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर रोज 75 से 100 मामले सीएचसी पहुंच रहे हैं। जिन्हें बंदरों ने काटा हुआ है। सीएचसी में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. कैलाश ने कहा कि जो केस अस्पताल में हैं उनमें से अधिकांश बंदरों के काटे हैं। कुछ मामले कुत्तों के काटने के भी आ रहे हैं। 

बंदरों से ऐसे बचें
बंदरों को तेज गंध से दूर रखा जा सकता है, इसके लिए, मिर्च या नींबू के छिलकों को बगीचे के किनारों पर रखा जा सकता है। साउंड गन या पटाखे की आवाज से बंदर भाग जाते हैं। फ्लैश लाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं। धुएं का इस्तेमाल कर सकते हैं। सफेद बोतल में पानी भरकर रख सकते हैं। काले लंगूर की तस्वीर लगा सकते हैं। 
 

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