Edited By Deepika Rajput,Updated: 05 Sep, 2019 03:25 PM
लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिली, जिसके बाद मायावती ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव कर लिया। बसपा उत्तर प्रदेश में अब अकेले ही विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी, जिसके लिए पार्टी ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
लखनऊः लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिली, जिसके बाद मायावती ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव कर लिया। बसपा उत्तर प्रदेश में अब अकेले ही विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी, जिसके लिए मायावती ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। इसी के मद्देनजर मायावती ने गुरुवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर बैठक की।
इस दौरान मायावती ने संगठनात्मक ढांचे की मजबूती के तहत उत्तर प्रदेश में 3 कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए। प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा और भीमराव अंबेडकर को पार्टी ने कोऑर्डिनेटर बनाया है। ये तीनों प्रदेश का दौरा कर अपने-अपने समाज को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे। प्रदेश में अब एक मंडल में एक ही जोन इंचार्ज होगा। पहले 3 मंडल का एक जोन इंचार्ज होता था। बसपा ने बामसेफ को मंडल स्तर से खत्म कर दिया है। जिला स्तर और विधानसभा स्तर पर बामसेफ को बरकरार रखा गया है। साथ ही मायावती ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बीजेपी के षड्यंत्रों से सचेत रहकर पूरी संजीदगी के साथ चुनाव की तैयारियों में जुटने की नसीहत दी।
मायावती ने पार्टी के जमीनी स्तर पर चल रहे कार्यकलापों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की प्रगति आदि की गहन समीक्षा की। उन्होंने विधानसभा उपचुनाव सहित पार्टी की आगे की तैयारियों के संबंध में भी जरुरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बार की रणनीति के तहत इन उपचुनावों को लड़ने के लिए पार्टी के पुराने व वरिष्ठ चेहरों को ही ज्यादातर चुनाव मैदान में उतारा गया है, जिनको जिताने के लिए हर प्रकार का सहयोग व समर्थन करने की अपील उन्होंने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से की।