जानिए, मथुरा लोकसभा सीट का इतिहास और मायने, जहां 50% से अधिक वोट पाकर जीती हेमा मालिनी

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 Apr, 2019 12:27 PM

know the history and meaning of the mathura lok sabha seat

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक मथुरा लोकसभा सीट है। आजादी के बाद पहला चुनाव साल 1952 में हुआ। और इस सीट पर भी पहली बार चुनाव 1952 में ही हुआ। पहले और दूसरे दोनों चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की, लेकिन साल 1962 से...

मथुराः उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक मथुरा लोकसभा सीट है। आजादी के बाद पहला चुनाव साल 1952 में हुआ। और इस सीट पर भी पहली बार चुनाव 1952 में ही हुआ। पहले और दूसरे दोनों चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की, लेकिन साल 1962 से 1977 तक लगातार तीन बार कांग्रेस का कब्जा रहा। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और भारतीय लोकदल ने जीत हासिल की। साल 1980 में यह सीट जनता दल के खाते में गई। जबकि 1984 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की, लेकिन कांग्रेस को अगले चुनाव में फिर से हार का सामना करना पड़ा।
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साल 1991 में इस सीट पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली। इसके बाद 1996, 1998 और 1999 में भी भारतीय जनता पार्टी क ही इस सीट पर कब्जा रहा। हालांकि 2004 में कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह ने यहां से वापसी की। साल 2009 में बीजेपी के साथ लड़ी रालोद के जयंत चौधरी ने बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन 2014 में मोदी लहर में अभिनेत्री हेमा मालिनी ने 50 फीसदी से अधिक वोट पाकर जीत दर्ज की।

जानिए, कितनी है मथुरा में कुल मतदाताओं की संख्या
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इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में मथुरा में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 86 हजार 187 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 70 हजार 318, महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 15 हजार 660 और ट्रांस जेंडर के कुल 209 मतदाता शामिल हैं।

मथुरा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें
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आपको बता दें कि मथुरा लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें मथुरा जिले की छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा और बलदेव विधानसभा शामिल हैं। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें। तो मांट सीट को छोड़कर सभी चार सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। जबकि मांट सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई थी।

डालिए एक नजर 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी की हेमा मालिनी ने 5 लाख 74 हजार 633 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। तो वहीं RLD के जयंत चौधरी 2 लाख 43 हजार 890 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बहुजन समाज पार्टी के पंडित योगेश कुमार द्विवेदी को 1 लाख 73 हजार 572 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

डालिए एक नजर 2009 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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साल 2009 में की बात करें तो RLD के जयंत चौधरी ने 3 लाख 79 हजार 870 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के श्याम सुंदर शर्मा 2 लाख 10 हजार 257 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को 85 हजार 418 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

डालिए एक नजर 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह ने 1 लाख 87 हजार 400 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। तो वहीं बीएसपी के लक्ष्मीनारायण चौधरी 1 लाख 49 हजार 268 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि RLD की डॉ. ज्ञानवती सिंह को 1 लाख 44 हजार 366 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रही थीं।

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