शिवपाल बोले- क्या ' महिला सशक्तिकरण' व 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की बात केवल कागजी नीति है?

Edited By Ramkesh,Updated: 14 Feb, 2023 12:12 PM

is the talk of women empowerment and beti bachao beti padhao

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल यादव ने कानपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की मौत को लेकर सरकार और प्रशासन पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और...

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल यादव ने कानपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की मौत को लेकर सरकार और प्रशासन पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के सामने ही मां-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी और पुलिस तमाशा देखती रही। अतिक्रमण हटाने व बुलडोजर के जोश में प्रशासन आखिर अपना होश क्यों खो रहा है। शिवपाल ने कहा कि क्या ' महिला सशक्तिकरण' व 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की बात केवल कागजी नीति है? दरअसल, बीते सोमवार को कानपुर देहात की पुलिस और अतिक्रमण हटाने गई थी। इस दौरान झोपड़ी में अचानक आग लग गई जिसे मां-बेटी की जलकर दोनो की मौत हो गई।  

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मां- बेटी जलकर हुई मौत
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों की पहचान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) के रूप में हुई है, जिन्होंने 'ग्राम समाज' भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व टीम के सामने यह घातक कदम उठाया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को बचाने के प्रयास में रूरा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश गौतम और पीड़ित प्रमिला के पति गेंदनलाल झुलस गए। उन्होंने कहा कि घटना से आक्रोशित परिजनों व उनके समर्थकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गयी। आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष इस संबंध में उपजिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। मां-बेटी के आत्मदाह की जानकारी मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह ने संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ गांव का दौरा कर मामले की जानकारी ली।

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परिवार के मुखिया के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने का आरोप
अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन से मुलाकात की थी और संबंधित परिवार के मुखिया के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी। पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए गांव में पहुंची थी, तभी महिला और उसकी बेटी ने अपनी झोपड़ी के अंदर खुद को आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई।

लगातार ब्राह्मण परिवार को निशाना बना रही योगी सरकार : अखिलेश
उन्होंने कहा, "हम मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।" घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि '' योगी जी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) आपके जल्लाद और अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है।'' इसी ट्वीट में सपा ने यह भी कहा कि ''योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे। लगातार चुन चुनकर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं। दलित-पिछड़ों के साथ-साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं।'' सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है।

एसडीएम, लेखपाल और एसओ सहित करीब 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
भारी विरोध के बाद इस मामले में एसडीएम, लेखपाल और एसओ सहित करीब 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. जिन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, उनमें एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा एसओ दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, जेसीबी ड्राइवर दीपक, मड़ौली गांव के निवासी अशोक, अनिल, निर्मल और विशाल हैं. यही नहीं 10 से 12 अज्ञात लोगों, तीन लेखपाल और 12 से 15 महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। 

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