Edited By Ramkesh,Updated: 07 Apr, 2023 05:59 PM

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां पारिवारिक विवाद में फैमिली कोर्ट ने गजब का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले को सुलझाते हुए दो पत्नियों के बीच पति का बंटवारा कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पहली के साथ तीन...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां पारिवारिक विवाद में फैमिली कोर्ट ने गजब का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले को सुलझाते हुए दो पत्नियों के बीच पति का बंटवारा कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पहली के साथ तीन तो दूसरी के साथ चार दिन पति रहेगा। इस पर दोनो पत्नियों को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी।

जानिए पूरा मामला
दरअसल,एक युवक की शादी 2009 में उसके माता-पिता ने अपनी मर्जी से किए। कुछ दिन तक सब कुछ ठीक रहा बाद में दोनों में विवाद हो गया। 2016 से पति-पत्नी अलग होकर रहने लगे। इस बीच पति ने दूसरी शादी कर ली। पति ने पहली पत्नी से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई। अधिवक्ता दिव्या मिश्रा का कहना है कि 2018 में ये वाद दाखिल हुआ। इस बीच में कोरोना के कारण सुनवाई टलती रही। इस बीच दोनों पक्ष में सुलह की अर्जी लेकर अदालत पहुंच आए। फैमिली कोर्ट ने दोनो पक्षों की बात सुनते हुए पति का बंटवारा कर दिया। पहली पत्नी के दो बच्चे हैं जबकि दूसरी पत्नी को एक बच्चा है। अब दोनो साथ ही रहेगी।

समझौता पत्र के मुताबिक, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को पहली पत्नी के साथ पति के रहने पर सहमति बनी। जबकि शेष 4 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने पर सहमति बनी है। साथ ही ये भी तय हुआ है कि तीज-त्योहार अपवाद या किसी अन्य अवसर पर वो किसी एक पत्नी के साथ मौजूद रह सकता है, जिस पर किसी को आपत्ति नहीं होगी। साथ ही चल-अचल संपत्ति पर दोनों का समान हक होगा। इसके अलावा 15 हजार रुपये भरण पोषण के लिए पहली पत्नी को पति देगा। इन सब शर्तों को स्वीकार करते हुए दायर वाद को वापस लेने पर दोनों पक्ष राजी हो गए। कोर्ट ने कहा-वादी नहीं चाहता तो लंबित रखना न्यायसंगत नहीं है। फिलहाल इस फैसले की हर तरफ चर्चा हो रही है।