Edited By Ramkesh,Updated: 13 Sep, 2022 05:15 PM
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बहुचर्चित पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में मृतक के परिजनों की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया है। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए झांसी में मोंठ थाने के पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। दरअसल, 2019 में पुलिस ने ...
प्रयागराज: बहुचर्चित पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में मृतक के परिजनों की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया है। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए झांसी में मोंठ थाने के पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। दरअसल, 2019 में पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव को खनन माफिया बनाकर झांसी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिया। कोर्ट ने एनकाउंटर की घटना को मनगढ़ंत कहानी मानते हुए पुलिस के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए।
ये है मामला
झांसी जिले में पुष्पेंद्र यादव को मोठ थाना के दरोगा धर्मेंद्र चौहान द्वारा गोली मारकर हत्या कर गई थी और इसे पुलिस मुठभेड़ का नाम दिया था। मृतक के परिजनों आरोप था कि पर किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक मामला दर्ज था न ही उनकी पृष्ठभूमि आपराधिक रही है। उनके पारिवारिक माहौल भी देशभक्ति की आवना से ओतप्रोत रहा था उनके पिताजी रिटायर्ड सैन्य कर्मी एवं बड़ा भाई भी वर्तमान में नई दिल्ली में CISF है'। घटना के तीन महीने पहले ही पुष्पेंद्र यादव का विवाह हुआ था।
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मृतक के परिजनों ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की उठाई थी मांग
परिजनों द्वारा जब आरोपी दरोगा पर FIR दर्ज करने की मांग की गई, तो उस मांग को दरकिनार कर दिया था। पुलिस प्रशासन द्वारा उनका अंतिम संस्कार परिवार जनों की गैरमौजूदगी में कर दिया गया। उक्त दु:ख में संत्रिप्त परिवार की इस हालत में मृतक की दादी ने शोक में अपने प्राण त्याग दिये। पीड़ित परिवार ने कोर्ट से अनुरोध है कि एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच एवं दोषी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाने मांग की , जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके'।
पुलिस ने मुठभेड़ में किया था एनकाउंटर
दरअसल, पुष्पेंद्र पर पुलिस ने आरोप लगाया है कि बीते शनिवार की रात वह मोठ थाने के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान पर हमला करने के बाद उनकी कार लूटकर भाग रहा था। जिसके चलते अगली सुबह पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव को गुरसराय थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ में कथित तौर पर मार दिया था। पुलिस के मुताबिक उसके 2 साथी भाग निकले थे। पुलिस का ये भी आरोप है कि पुष्पेंद्र की कार से दो तमंचे कारतूस और मोबाइल भी बरामद किए गए हैं। वहीं परिजनों का आरोप है कि पुष्पेंद्र को जबरन पकड़कर मारा गया है, वे इस मामले में न्याय चाहते हैं। उनका आरोप है कि पुष्पेंद्र के खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी। कभी किसी ने उसके बारे में कुछ नहीं कहा। लेकिन पुलिस ने उसे अपराधी बताकर मार डाला। उसके खिलाफ फर्जी केस दर्ज किए।
अखिलेश यादव ने भी पुलिस की कार्यशैली पर उठाए थे सवाल
अखिलेश यादव ने पुष्पेंद्र एनकाउंटर को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए घटना की जांच सिटिंग जज से कराए जाने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश यूपी पुलिस हत्या का पर्याय बन गई है। सहारनपुर और आजमगढ़ समेत कई जगह फर्जी मुठभेड़ किए थे। फिलहाल तीन साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने थाने में तैनात सभी पुलिस कमियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है।