Edited By Mamta Yadav,Updated: 27 Apr, 2022 08:24 PM

अस्सी के दशक के लोमहर्षक बेहमई कांड की सुनवाई बुधवार को वकीलों की हड़ताल के कारण टाल दी गयी। अब दो मई को सुनवाई की जायेगी। कानपुर देहात की माती कोर्ट में बेहमई कांड मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट की अदालत में चल रही है।
कानपुर देहात: अस्सी के दशक के लोमहर्षक बेहमई कांड की सुनवाई बुधवार को वकीलों की हड़ताल के कारण टाल दी गयी। अब दो मई को सुनवाई की जायेगी। कानपुर देहात की माती कोर्ट में बेहमई कांड मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट की अदालत में चल रही है। बुधवार को बचाव के पक्ष की बहस करनी थी जिसको लेकर तय समय पर पुकार भी होई लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते कोटर् में वकील हाजिर नहीं हुये और कोर्ट ने बचाव पक्ष की बहस के लिये दो मई की तारीख दे दी।
गौरतलब है कि कानपुर देहात में 14 फरवरी 1981 फूलनदेवी के साथ डकैत मुस्तकीम, रामप्रकाश और लल्लू गैंग के तकरीबन 35-36 लोगों ने बेहमई गांव को घेर लिया। घरों में लूटपाट शुरू कर दी। आदमियों को घर से बाहर खींचकर लाया गया। सभी गांव में एक टीले के पास 26 लोगों को इकट्ठा किया गया। इसके बाद फूलन और उसके साथियों ने उन (26 लोगों) पर ताबड़तोड़ 4 से 5 मिनट तक गोलियां बरसाईं जिसमें से 20 लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लोग घायल हो गए। इसके बाद फूलन व उसके साथ आए डकैत गांव से निकल गए।
इस कांड की मुख्य अभियुक्त फूलन देवी समेत कई अन्य की मौत हो चुकी है जबकि कई गवाह भी काल कवलित हो चुके हैं।