Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Aug, 2023 09:00 AM

Gyanvapi ASI Survey: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कर रही एएसआई की टीम ने तीसरे दिन रविवार को सबसे पहले तहखाने में स्थित व्यास जी के कमरे में एग्जास्ट लगवाए और वहां से मलबा हटाने का काम शुरू कराया। इसके बाद टीम ने कमरे की...
Gyanvapi ASI Survey: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कर रही एएसआई की टीम ने तीसरे दिन रविवार को सबसे पहले तहखाने में स्थित व्यास जी के कमरे में एग्जास्ट लगवाए और वहां से मलबा हटाने का काम शुरू कराया। इसके बाद टीम ने कमरे की पैमाइश की और दीवारों की थ्रीडी फोटोग्राफी व स्कैनिंग करवाई।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कमरे से मंदिर जैसे मिलते-जुलते अवशेषों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। दीवारों पर बनी आकृतियों की बनावट, उनके आकार आदि के नोट्स बनाए गए। इस दौरा कानपुर आइआइटी के 2 जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) विशेषज्ञ भी एएसआई सर्वे टीम के साथ थे। बताया जा रहा है कि 1-2 दिन में GPR सर्वे शुरू हो सकता है। ASI के विशेषज्ञों ने तीनों गुंबदों की जांच भी की। उन्हें गुंबदों के नीचे मंदिर के शिखर जैसे ढांचे मिले, जिन पर फूल, पत्तियां, कमल के फूल आदि की स्पष्ट आकृतियां हैं।
टीम 4 हिस्सों में बंटकर कर रही ज्ञानवापी परिसर की जांच
आपको बता दें कि रविवार सुबह एएसआई टीम ने सुबह 8 बजे ज्ञानवापी परिसर में एंट्री की। जिसके बाद टीम ने 4 हिस्सों में बंटकर तय स्थानों की जांच शुरु की। मंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि एक टीम पश्चिमी दीवार की जांच में जुट गई और दूसरी टीम ने व्यास जी के कमरे में प्रवेश किया। इसके साथ ही एक टीम उस हाल में पहुंची, जहां नमाज होती है। हाल में अब तक मंदिरों में दिखने वाले 20 से अधिक ताखे मिले हैं। इनकी संरचना और उनके आसपास उभरे चिह्नों की थ्रीडी मैपिंग भी हुई। मंदिर पक्ष ने कहा कि गुंबद के पूरा सर्वे होने में अभी समय लगेगा, मगर छत की डिजाइन ने हमारा उत्साह बढ़ाया है।