Body Election: मंत्री AK शर्मा बोले- OBC आरक्षण  Supreme Court के समक्ष पेश करेगी सरकार

Edited By Ramkesh,Updated: 10 Mar, 2023 06:17 PM

government will present obc reservation in civic elections before sc

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडिल की शुक्रवार को हुई बैठक में सरकार द्वारा शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण प्रदान करने के लिए गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई। यह रिपोर्ट अब उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश की...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडिल की शुक्रवार को हुई बैठक में सरकार द्वारा शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण प्रदान करने के लिए गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई। यह रिपोर्ट अब उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश की जाएगी, जहां मामला विचाराधीन है। ओबीसी आरक्षण के संबंध में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट बृहस्पतिवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई थी। मंत्रिमंडल बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया, “पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट तीन महीने के भीतर सौंप दी। शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसे स्वीकार्य कर लिया गया। रिपोर्ट अब उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश की जाएगी, जहां यह मामला विचाराधीन है। हालांकि, मंत्री ने रिपोर्ट की सामग्री साझा करने से इनकार कर दिया

“उच्चतम न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी
शर्मा ने कहा, “उच्चतम न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होनी है। हम अगले कुछ दिनों में यह रिपोर्ट शीर्ष अदालत में पेश करेंगे।” न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह के नेतृत्व वाले पिछड़ा वर्ग आयोग में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी चौब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार के अलावा राज्य सरकार के पूर्व कानूनी सलाहकार संतोष कुमार विसकर्मा और ब्रजेश कुमार सोनी शामिल हैं। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया, “सरकार शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। राज्य मंत्रिमंडल ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गठित ओबीसी आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। भाजपा पिछड़े वर्गों को उनके अधिकार दिलाने को समर्पित है। सपा, बसपा और कांग्रेस ओबीसी विरोधी हैं।

राज्य सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट ने किया था  रद्द
गौरतलब है कि  इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा पिछले साल दिसंबर में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव कराने का आदेश देने के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। अदालत ने कहा था कि राज्य सरकार शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ‘ट्रिपल टेस्ट' फॉर्मूले के पालन में नाकाम रही है। ‘ट्रिपल टेस्ट' फॉर्मूले के तहत स्थानीय निकायों के संदर्भ में ‘पिछड़ेपन' की स्थितियों (आर्थिक एवं शैक्षणिक), प्रकृति और प्रभाव के ‘विस्तृत आकलन' के लिए एक आयोग के गठन की आवश्यकता है। यह फॉर्मूला आयोग की सिफारिशों के आधार पर नगर निगम और नगर पालिका चुनाव में आरक्षण के अनुपात को निर्दिष्ट करता है, जो 50 प्रतिशत की कुल आरक्षण सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए।

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद योगी ने जोर देकर कहा था कि राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना नहीं कराए जाएंगे और उन्होंने इस बाबत पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था। राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख भी किया था। विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उच्च न्यायालय के फैसले के बाद योगी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वह ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!