सरकार  MSME क्षेत्र के लिए कर्ज की बाधाओं को दूर करने को प्रतिबद्ध: वर्मा

Edited By Ramkesh,Updated: 28 Jun, 2022 05:29 PM

government committed to remove credit barriers for msme sector verma

केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह की तमाम बाधाओं को...

लखनऊ: केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह की तमाम बाधाओं को दूर करने और कर्ज संबंधी सुविधाओं का एक बेहतर तंत्र विकसित करने के लिये प्रतिबद्ध है। वर्मा ने उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित 'उत्तर प्रदेश एमएसएमई सम्मेलन' के दूसरे दिन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश में एमएसएमई क्षेत्र को विकास के नये इंजन के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

नवाचार के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी और आधुनिक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान जब कारोबारी गतिविधियां काफी शिथिल पड़ गई थी, उद्योग धंधों के समक्ष कारोबार का संकट खड़ा हो गया था, तब सरकार ने इस क्षेत्र के लिये कई प्रावधान किये। आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत पांच लाख करोड़ रूपये तक के कर्ज की सुविधा का प्रावधान किया गया। सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये ऋण गारंटी ट्रस्ट के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज़ उपलब्ध कराने की सुविधा दी गई। वर्मा ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र से निर्यात लगातार बढ़ रहा है।

देश के निर्यात में इस क्षेत्र का योगदान लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। वहीं देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 30 प्रतिशत हिस्सेदारी एमएसएमई क्षेत्र की है। ऐसे में वैश्विक व्यापार में भारत को अधिक मजबूत स्थिति में पहुंचाने में हमारी एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। एसोचैम की चमड़ा और फुटवियर समिति के सह- अध्यक्ष एवं सरोज इंटरनेशनल समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मोतीलाल सेठी ने इस अवसर पर कहा कि इस सम्मेलन का असली मकसद एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाना है।

उन्होंने कहा कि उद्योग के हर क्षेत्र में कौशल विकास पर जोर दिया जाना चाहिये। इसके साथ ही बड़े पैमाने में शुरुआत करने और सरकार की विभिन्न योजना का लाभ पहुंचाने की गति बढ़ाने की भी आवश्यकता है। सोमवार को विश्व एमएसएमई दिवस पर लखनऊ में शुरू हुये इस सम्मेलन में देश-विदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के प्रतिनिधि, उनके संगठन और वित्त एवं आवागमन की सुविधायें उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। ‘आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत हो रहे इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय और उद्योग संगठन एसोचैम ने मिलकर किया है।
 

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