Edited By Ajay kumar,Updated: 23 May, 2024 11:55 AM
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गरीब बेटियों को इंटरमीडिएट तक निःशुल्क शिक्षा मिल सके इसके लिए अब 251 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) बनकर पूरी तरह से तैयार हैं। विभाग ने यहां प्रवेश शुरू कर दिए हैं।
लखनऊ: गरीब बेटियों को इंटरमीडिएट तक निःशुल्क शिक्षा मिल सके इसके लिए अब 251 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) बनकर पूरी तरह से तैयार हैं। विभाग ने यहां प्रवेश शुरू कर दिए हैं। जुलाई माह तक अभी 49 विद्यालय और तैयार हो फिर ये संख्या 300 हो जायेगी। केजीबीवी में इंटर तक पढ़ाई शुरू सके इसके लिए 2019-20 कोशिश जारी है। इसमें 680 विद्यालयों को इंटरमीडिएट तक तक किया जाना है।
अभी तक बालिकाओं को कक्षा 6 से 8 तक दी जाती थी निःशुल्क आवासीय शिक्षा
राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जो विद्यालय तैयार हो चुके हैं। वहां इंटरमीडिएट तक पढ़ाई शैक्षिक सत्र 2024-25 में कराई जायेगी। प्रदेश में 746 केजीवीबी का संचालन होता है, इसमें 680 विद्यालय इंटरमीडिएट तक अपग्रेड किए जाने हैं। बता दें कि केजीबीवी पिछड़े ब्लॉकों व नगरीय क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। यहां अभी तक बालिकाओं को कक्षा छह से आठ तक की निःशुल्क आवासीय शिक्षा दी जाती था। कक्षा आठ के बाद लड़कियों के आगे पढ़ाई का विकल्प नहीं रहता था लेकिन अब 12वीं तक पढ़ाई आसान होगी।
दो मॉडल पर हुआ काम
* जहां तीन किमी के अंदर माध्यमिक शिक्षा के कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल हैं। वहां केजीबीवी परिसर में ही हॉस्टल तैयार किया गया है। लड़कियां यहां निःशुल्क रह कर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी।
* जहां आसपास माध्यमिक स्कूल नहीं है, वहां केजीबीवी परिसर में ही एकेडमिक ब्लॉक व हॉस्टल तैयार किया गया है। सभी केजीबीवी को उच्चीकृत करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
फ्री शिक्षा के साथ रहना और खाना भीः
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 की शिक्षा छात्राओं को निःशुल्क दी जाती है। साथ ही, छात्राओं को आवासीय सुविधा, पौष्टिक आहार, ड्रेस, किताबें और स्टेशनरी और दैनिक उपयोग की वस्तुए प्रदेश सरकार की ओर से निःशुल्क दी जाती हैं।