Edited By Ramkesh,Updated: 19 Jun, 2024 08:07 PM
मोदी सरकार 3.0 की बुधवार को दूसरी कैबिनेट बैठक में किसानों को बड़ी सौगात दी है। दअरसल, किसान बड़े समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य की मां कर रहे थे जिसकी मांग (एमएसपी) को सरकार ने मान ली है। मोदी की तीसरी बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय...
लखनऊ/ दिल्ली: मोदी सरकार 3.0 की बुधवार को दूसरी कैबिनेट बैठक में किसानों को बड़ी सौगात दी है। दअरसल, किसान बड़े समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य की मां कर रहे थे जिसकी मांग (एमएसपी) को सरकार ने मान ली है। मोदी की तीसरी बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि खरीफ की फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने की मंजूरी दी गई है. इसमें 14 फसलों को शामिल किया गया है। धान का नया एमएसपी 2300 रुपये होगा।
इन फसलों पर सरकार ने बढ़ाई एमएसपी
खरीफ फसल के लिए 14 फसलों पर कैबिनेट ने एमएसपी को मंजूरी दी है। धान का नया एमएसपी 2,300 रुपये तय किया गया है, जो पिछली एमएसपी से 117 रुपये ज्यादा है। कपास का नया एमएसपी 7,121 होगा। इसकी एक दूसरी किस्म के लिए नया एमएसपी 7,521 रुपये होगा, जो पहले से 501 रुपये ज्यादा है।
साल में दो बार करीब दो दर्जन वस्तुओं के दाम तय करती है सरकार
आप को बता दें कि भारत सरकार साल में दो बार करीब दो दर्जन वस्तुओं के दाम तय करती है। एमएसपी कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर तय किया जाता है, जो कृषि मंत्रालय के तहत मूल्य निर्धारण नीति के लिए एक शीर्ष सलाहकार निकाय है।
एमएसपी पर अंतिम निर्णय किसने लिया?
भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) एमएसपी के स्तर पर अंतिम निर्णय (अनुमोदन) लेती है। एमएसपी का उद्देश्य उत्पादों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी पहली बार केंद्र द्वारा 1966-67 में पेश किया गया था। ऐसा तब हुआ जब स्वतंत्रता के समय भारत को अनाज उत्पादन में बड़े घाटे का सामना करना पड़ा। कम उत्पादन जनसंख्या की उच्च मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं था।