खाद्य प्रसंस्करण की योजनाएं गांव-गांव में ला रही बदलाव, युवा बन रहे आत्मनिर्भर

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Oct, 2021 02:45 PM

food processing schemes are bringing changes from village to village

युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण की योजनाएं गांव-गांव में बदलाव ला रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इन योजनाओं की बदौलत युवा खुद का स्वरोजगार तो स्थापित कर ही रहे हैं साथ में दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।...

लखनऊ: युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण की योजनाएं गांव-गांव में बदलाव ला रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इन योजनाओं की बदौलत युवा खुद का स्वरोजगार तो स्थापित कर ही रहे हैं साथ में दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि सरकार की प्राथमिकता गांवों में स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण देकर उनको आत्मनिर्भर बनाने की है जिससे युवाओं को आर्थिक लाभ होने के साथ गांव का विकास भी संभव हो सके। महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना इसमें बड़ी सहायक बनी है। पंचायत स्तर पर युवाओं को 03 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर से जोड़ा जा रहा है। योजना से जुड़े युवाओं को 01 महीने का उद्यमिता विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसान और युवा फल-सब्जी, मसाला, दुग्ध, अनाज प्रसंस्करण की इकाइयां स्थापित कर रहे हैं।

खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने वाले युवा गांव के बेरोजगार युवकों को भी अपने यहां रोजगार दे रहे हैं। योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित करने वाले युवाओं को मशीन या उपकरण की लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत और 01 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है। जिससे गांव के किसान और युवाओं को संबल मिला है और वे स्वयं का रोजगार स्थापित करने में सफल हो रहे हैं।
 

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