Flood In UP: खतरे के निशान को कभी भी पार कर सकती हैं गंगा और यमुना, करीब एक मीटर दूरी पर बह रही दोनों नदियां

Edited By Pooja Gill,Updated: 16 Sep, 2024 08:21 AM

flood in up ganga and yamuna can cross

Prayagraj Flood: पहाडों और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और केन, बेतवा तथा चंबल नदियों का पानी यहां पहुंचने से तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे खतरे के निशान की ओर बढ़ चला है। दोनों नदियां खतरे के निशान से करीब एक मीटर दूरी...

Prayagraj Flood: पहाडों और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और केन, बेतवा तथा चंबल नदियों का पानी यहां पहुंचने से तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे खतरे के निशान की ओर बढ़ चला है। दोनों नदियां खतरे के निशान से करीब एक मीटर दूरी पर बह रही हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दोनों नदियों को जलस्तर फाफामऊ में गंगा 2.58 मीटर, छतनाग में 1.36 मीटर और नैनी में यमुना 86 सेंटीमीटर बढ़ गई हैं। शनिवार की दोपहर 12 बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 81.30 दर्ज किया गया था, छतनाग में 81.73 मीटर और नैनी में यमुना 82.85 जलस्तर रिकार्ड किया गया था।
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दोनों नदियों के खतरे का निशान 84.734 मीटर दर्ज
आंकड़ों के अनुसार, रविवार दोपहर 12 बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 2.58 मीटर बढ़कर 83.88 मीटर, छतनाग में 1.36 मीटर बढ़कर 83.09 मीटर और नैनी में यमुना 86 सेंटीमीटर बढ़कर 83.71 मीटर पर पहुंच गई है। दोनों नदियों के खतरे का निशान 84.734 मीटर दर्ज है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह ने बताया कि 88 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर संबंधित कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गश्त कर रही हैं। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि बाढ़ के कारण घाट, रिवर फ्रंट टाइप रोड़, लोक निर्माण विभाग और हनुमान मंदिर कॉरीडोर का काम प्रभावित हो रहा है। जलस्तर कम होते ही एक बार फिर काम को समय से करने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर मैन पावर बढायी जायेगी।

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जलस्तर बढ़ने से सड़क किनारे दाह संस्कार करने को मजबूर लोग
गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण गंगा तट दारागंज शमशान घाट पर शव जलाने वालों ने बताया कि लोग अपने परिजनों का दाह संस्कार का कार्य सड़क पर करने को मजबूर हो गये हैं। तेलियरगंज का रसूलाबाद घाट भी पानी में डूब गया है, जिस कारण परिजन दारागंज घाट ही पहुंचकर मृत परिजनों का दाह संस्कार कर रहे हैं। रविवार को सुबह से अब तक करीब 50 से 60 शव को दाह संस्कार जा चुका है। दोनों नदियों का जल स्तर बढ़ने के बाद अब बांधों की चौकसी बढ़ा दी गई है। सिंचाई विभाग और एनडीआरएफ की टीमों ने अलग अलग और संयुक्त रूप से बक्शी बांध, सलोरी एसटीपी का बेनी बांध, निर्माधीन रिवर फ्रंट रोड़ का निरीक्षण किया है।

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नदी किनारे स्थित हजारों एकड़ फसल पानी में डूबी
गौरतलब है कि प्रयागराज के कोतवाल कहे जाने वाले बंधवा स्थित हनुमान मंदिर में शुक्रवार की रात को बाढ़ का पानी घुस गया। मंदिर में हनुमान जी का गर्भगृह करीब 8 से 10 फुट नीचे है जहां दोबार गंगा मइया ने उनको स्नान कराया। इससे पहले सात अगस्त को मां गंगा ने गर्भगृह में प्रवेश कर अभिषेक किया था। जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे वाले क्षेत्र छोटा बाघड़ा, सादियाबाद, नेवादा, गंगा नगर, बेली,अशोक नगर, म्योराबाद, कछार, चिल्ला के करीब 100 मकानों के अंदर पानी घुस गया। दारागंज में नागवासुकि मंदिर के नीचे से संगम जाने वाले मार्ग पानी में डूब गया है। यमुना किनारे बसे करेलाबाग, करेली, बलुआघाट, गऊघाट, नैनी, झूंसी और फाफामऊ के निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मकानों में पानी घुस गया है। सोरांव, फूलपुर, करछना, बारा, हंडिया और मेजा तहसील के गांव में नदी किनारे स्थित हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गयी।

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