एक महीने में पता कर लेना किसकी जेब में पैसे आए... योगी सरकार के बजट पर टिकैत ने कसा तंज

Edited By Mamta Yadav,Updated: 22 Feb, 2023 03:44 PM

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सूबे की योगी सरकार ने बुधवार को अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट व प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश कर दिया। किसानों को लेकर इस बजट में जहां बड़े-बड़े दावे किए गए हैं तो वहीं सरकार के इस बजट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन...

मुजफ्फरनगर: सूबे की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने बुधवार को अपने दूसरे कार्यकाल (Second term) का दूसरा बजट (Budget) व प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश कर दिया। किसानों को लेकर इस बजट में जहां बड़े-बड़े दावे किए गए हैं तो वहीं सरकार के इस बजट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने तंज कसा है। उन्होंने कहा की जब तक किसान को फ्री पानी नहीं मिलेगा तब तक बजट में कुछ नहीं है। टिकैत ने गन्ने पर बोलते हुए कहा कि यह झूठ कह रहे हैं कि हमने रिकॉर्ड भुगतान किया है, ये देश को गुमराह कर रहे हैं। गन्ने का भुगतान जबकि सरकार नहीं करती गन्ने का भुगतान शुगर मिल करती है। हम गन्ना देते हैं और शुगर मिल हमें भुगतान करती है, सरकार की सिर्फ इतनी जिम्मेदारी है कि यह हमारा भुगतान टाइम पर कराएं।
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तेलंगाना की पॉलिसी का जिक्र कर योगी सरकार पर हमलावर हुए टिकैट
राकेश टिकैत की मानें तो तेलंगाना की पॉलिसी है कि वह 10 हज़ार रूपये एकड़ अपने किसान को सीधा देते हैं। बजट में इस तरह की कोई पॉलिसी नहीं है। उन्होंने कहा कि 1 महीने में पता कर लेना किसकी जेब में पैसे आए, बजट कागजों में बनते रहते हैं धरातल पर कम आते हैं। पहले कुछ सब्सिडी जो इक्विपमेंट आता था उस पर आती थी लेकिन उसे भी धीरे-धीरे घटा दी। आज फसलों के दाम नहीं है जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। जब तक एमएसपी कानून नहीं बन रहा है तो एमएसपी पर जो फसलों की खरीदारी होगी उसकी कुछ भरपाई हो सकती है। तेलंगाना की पॉलिसी है कि वह 10 हज़ार रूपये एकड़ अपने किसान को सीधा देते हैं। क्या बजट से इस तरह की कोई पॉलिसी है? बजट में पानी फ्री देने की क्या बात है? किसानों को फ्री पानी देने लिए सरकार को काम करना चाहिए।
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किसानों के लिए बजट में कुछ खास नहीं
सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा कि आवारा पशुओं से 2 महीने में निजात तो यह पिछले साल से दिलवाते आ रही है, क्या दिला पाए?  क्या पशुओं का 30 रूपये में 100 रूपये में भला हो जाएगा? गाय का इसमें तो भला होने वाला नहीं है, इतने पैसे में एक मुर्गी भी नहीं छकती है। किसानों के लिए बजट में कुछ खास नहीं है। किसान के लिए सोलर पर इनको काम करना चाहिए, हॉर्टिकल्चर पर काम करना चाहिए, बागवानी के ऊपर जो किसानों का भुगतान नहीं हो रहा है उस पर काम करना चाहिए। यह झूठ कह रहे हैं कि गन्ने पर हमने रिकॉर्ड भुगतान कर दिया है। गन्ने पर यह देश को गुमराह कर रहे हैं। गन्ने का भुगतान सरकार नहीं बल्कि शुगर मिल करती है। सरकार की जिम्मेदारी है कि हमारा टाइम पर भुगतान कराएं, सरकार रेट बढ़ाती है उसे पैसे नहीं देने पड़ते। चीनी बिकती है जिसके बाद पैसे मिलते हैं।

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