Edited By Ajay kumar,Updated: 11 May, 2024 09:29 PM

जिले में परिवार रजिस्टर को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ समय बाद ग्रामीणों को इसकी नकल के लिए आने वाले ग्राम सचिवों या सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मतगणना से पहले ही सचिवों को सभी ग्राम पंचायतों के परिवारों का ब्योरा...
बरेली: जिले में परिवार रजिस्टर को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ समय बाद ग्रामीणों को इसकी नकल के लिए आने वाले ग्राम सचिवों या सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मतगणना से पहले ही सचिवों को सभी ग्राम पंचायतों के परिवारों का ब्योरा अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आचार संहिता हटते ही परिवार रजिस्टर को ऑनलाइन किया जा सके। जिले की 1188 ग्राम पंचायतों में रहने वाले परिवारों को परिवार रजिस्टर की नकल के लिए फिलहाल पंचायत के सचिव या फिर सरकारी कार्यालयों की दौड़ लगानी पड़ती है। परिवार रजिस्टर के डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया काफी समय पहले शुरू हो गई थी, लेकिन अब तक पूरी नहीं हो पाई है। अब चुनाव के बीच इसमें तेजी आ रही है। शासन ने इस योजना में बरेली को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शामिल किया है। शुक्रवार को संयुक्त निदेशक पंचायत प्रवीना चौधरी की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंस कर बरेली में परिवार रजिस्टर को मतगणना शुरू होने से पहले सचिवों के जरिए अपडेट करा लेने के आदेश डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार को दिए हैं।
मंडल के बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर के डीपीआरओ को भी दिया गया निर्देश
संयुक्त निदेशक ने मंडल के बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर के डीपीआरओ को भी इस बारे में निर्देश जारी किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में उन्होंने शाहजहांपुर की स्थिति ठीक न होने की भी बात कही। डीपीआरओ शाहजहांपुर ने 13 मई को लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद इस पर तेजी से काम कराने का भरोसा दिलाया है। मतगणना तक मंडल के सभी जिलों में परिवार रजिस्टर के अपडेट होने के बाद आचार संहिता हटते ही इसे ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू होगी। लखनऊ से ही इसके लिए एजेंसी नामित की जाएगी जो यहां आकर मैनुअल डाटे के आधार पर जानकारी को ब ऑनलाइन करेगी।
डिजिटलाइजेशन से पहले होगा सत्यापन
जानकारों के मुताबिक परिवार रजिस्टर को डिजिटलाइजेशन से पहले होने वाले सत्यापन में त्रुटियों को सुधारा जाएगा। इसमें परिवार में शामिल लोगों के नाम, पता, उम्र के साथ ही जाति धर्म, साक्षर-निरक्षर जैसे करीब 15 कॉलमों में सूचनाएं दर्ज की जाएंगी। परिवार के मुखिया का नाम, सदस्यों का नाम, सूचना का परिवार के रखया का नाम सदस्यों का म साक्षर और निरक्षर जैसी अन्य जानकारियां रहेंगी।
चार जून के बाद लखनऊ से ही संस्था नामित होगीः डीपीआरओ
डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में लगभग पांच लाख ग्रामीण परिवार हैं। इन सभी का परिवार रजिस्टर का डिजिटलाइजेशन होना है। संयुक्त निदेशक ने मतगणना से पहले इसे पूरा कराने का आदेश दिया है। सचिवों को इसमें लगाया गया है। ऑनलाइन करने के लिए चार जून के बाद लखनऊ से ही संस्था नामित होगी।