नकली रासायनिक उर्वरक बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, खाली बोरे और सिलाई मशीन बरामद

Edited By Ramkesh,Updated: 12 Nov, 2022 02:18 PM

fake chemical fertilizer factory busted empty sacks packing and

जिले के राजापुर औद्योगिक क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्व बनाने वाली एक निजी फैक्ट्री को लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरक (खाद) बनाते हुए पाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर...

लखीमपुर खीरी:  जिले के राजापुर औद्योगिक क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्व बनाने वाली एक निजी फैक्ट्री को लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरक (खाद) बनाते हुए पाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर राजापुर औद्योगिक क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त निजी फैक्ट्री ‘गोविन्द इन्डस्ट्रीज' पर शुक्रवार की दोपहर छापेमारी की गयी। अधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री के मालिक लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरकों का निर्माण करते पाए गए। जिले के राजापुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित गोविंद इंडस्ट्रीज के परिसरों में शुक्रवार को छापेमारी करने वाली टीम में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) लखीमपुर श्रृद्धा सिंह, पुलिस उपाधीक्षक संदीप सिंह और जिला कृषि अधिकारी (डीएओ) अरविंद कुमार चौधरी शामिल थे, जिन्होंने पैकिंग और सिलाई मशीन, कृभको, इफको, पारस आदि के ब्रांड नाम वाले ताजा खाली बोरे बरामद किए।


जिला कृषि अधिकारी बोले- सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण का है कंपनी का लाइसेंस 
जिला कृषि अधिकारी (डीएओ) अरविंद कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘गोविंद इंडस्ट्रीज को केवल सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया था, न कि रासायनिक उर्वरकों को बेचने के लिए।'' चौधरी ने कहा, ‘‘इसके गोदाम से रासायनिक उर्वरकों की बरामदगी लाइसेंस के शर्तों का उल्लंघन है और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।'' उन्होंने बताया कि खाद की अनलोडिंग और पैकिंग में लगे कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हालांकि, फैक्ट्री के मालिक ऋतिक गुप्ता को पकड़ा नहीं जा सका है। प्रतिष्ठित कंपनियों, पैकिंग सामग्री, रैपर और सिलाई मशीनों के नाम वाले खाली बैग की बरामदगी से संकेत मिलता है कि लाइसेंसधारक नकली रासायनिक उर्वरकों के निर्माण और उन्हें प्रतिष्ठित कंपनियों के ब्रांड नाम के तहत बेचने में लगा हुआ था।

औचक निरीक्षण के दौरान मामले का हुआ खुलासा
जिलाधिकारी (डीएम) महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि फैक्ट्री उर्वरक नियंत्रण आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन कर रही है और मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम, डीएसपी और जिला कृषि अधिकारी को फैक्ट्री के औचक निरीक्षण के लिए भेजा गया था।

21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक फैक्ट्री बंद करने के आदेश 
डीएम ने कहा कि फैक्ट्री के दरवाजे पर एक नोटिस चिपकाया गया था जिसमें 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक फैक्ट्री बंद करने की सूचना दी गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, जब छापेमारी करने वाली टीम परिसर में दाखिल हुई, तो कई लोग डीएपी और पोटाश उर्वरकों की पैकिंग में लगे हुए पाए गए।'' उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों ने वहां भारी मात्रा में डीएपी, एनपीके, यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट, विभिन्न प्रतिष्ठित ब्रांडों के बोरो के अलावा रेत, नमक आदि बरामद किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में गहन जांच शुरू की गई थी और बरामद उर्वरकों के नमूने आगे के प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं।'

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