Edited By Ramkesh,Updated: 28 May, 2020 11:56 AM
वैश्विक महामारी जहां एक तरफ मानव मात्र के लिए जानलेवा हो रही है, तो वहीं तमाम नजदीकी रिश्तों में दरार पैदा कर रही है। अपने अपनो से मुखमोड ले रहे हैं।
अयोध्या: वैश्विक महामारी जहां एक तरफ मानव मात्र के लिए जानलेवा हो रही है, तो वहीं तमाम नजदीकी रिश्तों में दरार पैदा कर रही है। अपने अपनो से मुखमोड ले रहे हैं। ऐसा ही ताज मामला अयोध्या जनपद से सामने आया है। जहां पर पड़ोसी जनपद का रहने वाला युवक कोरोना संक्रमित पाया गया था। जिसका इलाज से इलाज राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। जहां पर इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत की जानकारी परिजनों की दी गई। परिजनों ने शव को लेने से इनकार कर दिया। गांव के ही युवक ने समाजसेवी धर्मवीर सिंह बग्गा से संपर्क किया। युवक की रीति रियाज़ से अंतिम संस्कार कराने की अपील की।
बता दें कि बीते 22 मई को कोरोना पॉजिटिव गंगाराम यादव को राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में आइसोलेट कराया गया और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मौत के बाद पारिवारिक अपनों ने किनारा कस लिया, तो वहीं परिवार के एक युवक ने समाजसेवी को फोन कर मृतक के अंतिम संस्कार का आग्रह किया।
समाजसेवी और लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले धर्मवीर सिंह बग्गा ने बताया कि उनके पास एक युवक का फोन आया, जिसने अपना परिचय विजय यादव निवासी अहिरौली जनपद अंबेडकरनगर बताया। उसने कहा कि कोरोना पॉजिटिव गंगाराम यादव जी की मौत हो गई है। उनका अंतिम संस्कार करने करने के लिए परिवार का कोई भी तैयार नहीं है। आप उनका अंतिम संस्कार कर दे, तो मेहरबानी होगी। साथ ही युवक ने भी अंतिम संस्कार में शामिल होने तक से इनकार कर दिया।
बग्गा ने अपनी टीम के सदस्य शरफराज, डिम्पल और पवन के साथ जब शमशान पहुंचे। हिन्दू रीति रिवाज से युवक की अंतिम संस्कार की। उन्होंने कहा कि मानवता सबसे बड़ी सेवा है। हमारे समाज में धर्म कोई हो, जाति कोई हो, यदि कुटिल और उपेक्षित मानसिकता के लोग हैं तो ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है जो चार कदम आगे बढ़कर मानव मात्र की सेवा में लग जाते हैं।