Edited By Prashant Tiwari,Updated: 08 Feb, 2023 01:57 PM

अयोध्या (संजीव आजाद) : राम मंदिर में लगने वाली भगवान राम की प्रतिमा को बनाने के लिए नेपाल से लाई गई देवशिलाओं god stones को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। वह इन देवशिलाओं की पूजा करने व छूने के साथ ही उसके साथ सेल्फी लेकर अपनी...
अयोध्या (संजीव आजाद) : राम मंदिर में लगने वाली भगवान राम की प्रतिमा को बनाने के लिए नेपाल से लाई गई देवशिलाओं god stones को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। वह इन देवशिलाओं की पूजा करने व छूने के साथ ही उसके साथ सेल्फी लेकर अपनी यादों को सजाने का काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि यह देव शिला नेपाल के जनकपुर जिले के काली गंडकी नदी से निकाली गई हैं। जिसके बाद राम मंदिर में भगवान राम व माता सीता की मूर्ति को बनाने के लिए इसे नेपाल के सरकार व लोगों के द्वारा भारत के लोगों को उपहार स्वरूप दी गई हैं।

रामसेवकपुरम में सुरक्षित रखी गई है देवशिलाएं
राममंदिर में लगने वाली भगवान श्रीराम व माता सीता Lord Shri Ram and Mother Sita के मूर्ती को बनाने के लिए नेपाल के जनकपुर से लाई गई देव शिलाएं अयोध्या रामसेवक पुरम में सुरक्षित रखी गई हैं। नेपाल के काली गंडकी नदी से निकाली गई इन पवित्र देवशिलाओं को नेपाल के जनकपुर, बिहार होते हुए अयोध्या पहुंचते समय रास्ते भक्तों के द्वारा देवशिलाओं का जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ था। जिन रास्तों से यह देवशिला लाई गई। उन्हीं रास्तों से त्रेता युग में भगवान श्री राम खुद जनकपुर गए थे। इसलिए लोगों ने दो शिलाओं में से बड़ी को श्री राम तो छोटी को माता सीता मान लिया ।
हमारा सौभाग्य कि पवित्र शिलाओं का दर्शन हो रहा
अब अयोध्या आने वाले श्रद्धालु रामलला के दर्शन के साथ ही साथ इनका भी दर्शन पूजन कर रहे हैं। इसके साथ ही वह सेल्फी लेकर अपनी यादों को सहेज रहे हैं ताकि भविष्य में अयोध्या ना सके तो उनकी यादों में यह शिलाएं रहेगा कि इन्हीं पवित्र शिलाओं से रामलला व माता सीता की मूर्ति बनाई गई है। श्रद्धालुओं का कहना है कि उनको यह सौभाग्य Good fortune मिला रहा है कि उन्हें इन पवित्र शिलाओं का दर्शन हो रहा है। जिनसे प्रभु श्री राम और माता सीता की प्रतिमा बनाई जाएगी। श्रद्धालुओं में शिलाओं के दर्शन व राम मंदिर निर्माण का उत्साह भी साफ दिखाई दे रहा है।