Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 Aug, 2023 04:50 PM

नूंह हिंसा के बाद बजरंग दल और वीएचपी की रैलियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने दिल्ली-NCR में रैलियों पर रोक लगाने की मांग चीफ जस्टिस (CJI) के सामने...
लखनऊ: नूंह हिंसा के बाद बजरंग दल और वीएचपी की रैलियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने दिल्ली-NCR में रैलियों पर रोक लगाने की मांग चीफ जस्टिस (CJI) के सामने रखी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, हरियाणा और यूपी को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने यूपी, हरियाणा और दिल्ली को नोटिस जारी करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इन कार्यक्रमों में भड़काऊ भाषण न हों और उन कार्यक्रमों के चलते हिंसा न फैले। मामले में शुक्रवार (4 अगस्त) को अगली सुनवाई होगी। संवेदनशील इलाकों में CCTV कैमरे लगाएं और उनके फुटेज सुरक्षित रखें। जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त पुलिस या पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करें।

इस पर दिल्ली बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने नूह के दंगाइयों की ईंट से ईंट बजा देनी चाहिए। दंगाइयों से नुक़सान की भरपाई करवाई जानी चाहिए। जो दंगाइयों से कार फोड़ी है, सरकारी संपत्ति को नुक़सान पहुंचाया है। उसकी भरपाई दंगाइयों से करवाई जानी चाहिए। नूंह में उत्तर प्रदेश का फार्मूला प्रयोग में लाना चाहिए जिन दंगाइयों के घर रहने लायक़ नहीं है। उनके घर को गिरा देना चाहिए।
हरियाणा के मेवात-नूंह इलाके में सोमवार को एक धार्मिक यात्रा निकलने के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा हो गई। हिंसा में दो होमगार्ड समेत 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। हिंसा के दौरान उपद्रव की जद में थाने, अस्पताल और कई लोगों की दुकानें भी आ गईं। सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। देखते ही देखते हिंसा सोहना से गुरुग्राम तक फैल गई। हिंसा पर काबू पाने के लिए अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं। घटना के एक दिन बाद भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।