Edited By Ajay kumar,Updated: 03 May, 2024 04:41 PM

कॉलेज और विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा भुगत से सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक और झटका लगा है। सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने पर निर्णय अब लोकसभा चुनाव के बाद होने की संभावना है।
लखनऊ: कॉलेज और विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा भुगत से सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक और झटका लगा है। सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने पर निर्णय अब लोकसभा चुनाव के बाद होने की संभावना है। समाज कल्याण विभाग की कोशिश है कि इन्हें छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाए और दोबारा पोर्टल खोला जाए। इसके लिए 19 अप्रैल को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासन स्तर पर हुई बैठक बेनतीजा रही थी।
सामान्य वर्ग के 77,352 छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित
वित्तीय वर्ष 2023-24 में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन शुरू हुए थे। 18 जनवरी 2024 तक छात्रवृत्ति के लिए फार्म भरे गए और 23 जनवरी 2024 को फार्म अग्रसारित किए गए। मार्च 2024 के अंतिम सप्ताह में प्रदेश में 20 लाख से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई। जबकि फार्म भरने के दौरान कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर से हुई गलती की वजह से सामान्य वर्ग के 77,352 छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गए। योजना का लाभ पाने से वंचित रह गए छात्र-छात्राएं जिला समाज कल्याण अधिकारियों, कॉलेजों विश्वविद्यालय और समाज कल्याण निदेशालय के चक्कर काट रहे हैं। निदेशालय स्तर से उन्हें फार्मों को भरने के दौरान हुई गलतियों के बारे में बताया गया है। अधिकतर आवेदनों में रोल नंबर, पाठ्यक्रम, प्राप्तांक और पूर्णांक भरने में गलतियां हुईं।
वंचित छात्रों की छात्रवृत्ति पर फैसला चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगा
समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि ऐसे छात्र-छात्राओं को दोबारा आवेदन का मौका देने के लिए निदेशालय ने पूरा ब्योरा शासन को भेजकर छात्रवृत्ति पोर्टल दोबारा खुलवाने का अनुरोध किया है। इसको लेकर बैठक भी हुई लेकिन फैसला नहीं हो सका। निदेशक की माने तो अब इन वंचित छात्रों की छात्रवृत्ति पर फैसला चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद यानी जून महीने में होगा। चुनाव के बाद अगर इस छात्र-छात्राओं को दोबारा अवसर दिए जाने पर सहमति बनती है तो पोर्टल खोला जाएगा और वंचित छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकेंगे।