भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली पर श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब, बुद्ध का अस्थि अवशेष दर्शन का बना केन्द्र

Edited By Ramkesh,Updated: 05 May, 2023 03:52 PM

crowds of devotees gathered at the place of lord buddha s sermon

देश के विभिन्न राज्यों और कई देशों में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, इसी क्रम में वाराणसी के सारनाथ स्थित महाबोधि मंदिर में बुद्ध पूर्णिमा पर महात्मा बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन लोगों के लिए कई राज्यों से श्रद्धालु...

वाराणसी: देश के विभिन्न राज्यों और कई देशों में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, इसी क्रम में वाराणसी के सारनाथ स्थित महाबोधि मंदिर में बुद्ध पूर्णिमा पर महात्मा बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन लोगों के लिए कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। देश और प्रदेश के नेताओं ने देशवासियों को राष्ट्रीय बुद्ध पूर्णिमा की ट्वीट कर बधाई दी है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को देश एवं दुनिया भर में रहने वाले गौतम बुद्ध के समस्त अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक बधाई दी।

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बसपा नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘महामानवतावादी तथागत गौतम बुद्ध के देश व दुनिया भर में रहने वाले समस्त अनुयाइयों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बुद्ध के सत्य, अहिंसा, भाईचारा आदि के मानवीय आदर्शों पर चलकर भारत को आगे बढ़ाने का सतत प्रयास बहुत जरूरी है, जो वास्तव में उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।''

बाद में बसपा नेता मायावती ने एक बयान में कहा, ‘‘तथागत गौतम बुद्ध, जिन्होंने सत्य, अहिंसा, भाईचारा एवं मानवता की आदर्श ज्योति को पूरी दुनिया में फैलाकर भारत को जगद्गुरु का सम्मान दिलाया, उनकी जयन्ती पर खासकर जाति-भेद, हिंसक मनोवृति, द्वेष आदि को जीवन से त्यागने की प्रतिज्ञा को दोहराने का दिन है, क्योंकि इसी में जीवन व देश में सच्ची सुख-शान्ति एवं तरक्की निहित है।'

बसपा प्रमुख ने कहा कि इसका मूल बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने देश के संविधान में पूरी तरह से स्थापित किया है, लेकिन सरकारों ने अपने संकीर्ण स्वार्थ की खातिर इसे देश के आम जीवन में उतारने की अपनी जिम्मेदारी को भुला दिया है, जिस कारण आज देश का जनजीवन आम सुख-शान्ति से दूर अफरातफरी का शिकार है और सरकारें भी काफी असहज व दुखी नजर आती हैं।
 

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