Edited By Ramkesh,Updated: 31 Jan, 2023 04:33 PM

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए अभिभाषण को महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता को सांत्वना देने के लिहाज से कमतर करार दिया है।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए अभिभाषण को महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता को सांत्वना देने के लिहाज से कमतर करार दिया है। मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘माननीया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा संसद के बजट सत्र के पहले दिन आज अभिभाषण में केन्द्र की ओर से कही गई बातें तथा किए गए दावे महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी आदि से त्रस्त देश की 100 करोड़ से अधिक जनता को सांत्वना और शान्ति के लिए बहुत कम है। लोग सुखी होंगे तभी देश बढ़ेगा।''
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि सरकार की आन्तरिक एवं आर्थिक नीति ऐसी होनी चाहिए जिससे कि गरीबी एवं बेरोजगारी दूर हो, ताकि लोगों का जीवन थोड़ा बेहतर हो, लेकिन सरकार की नीति के कारण देश में अमन-चैन, सुख-समृद्धि, विकास व खुशहाली का माहौल बिगड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘जनता की जेब का खाली होना और कुछ लोगों के हाथों में देश की पूंजी का सिमटना देश की प्रगति के लिए घातक है।
भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन अपने अभिभाषण में सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने बजट सत्र के प्रथम दिन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरी सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की आकांक्षा को जगाया है। ये वही वर्ग हैं जो विकास के लाभ से सबसे अधिक वंचित थे। अब जब मूल सुविधाएं इस वर्ग तक पहुंच रही हैं, तब ये लोग नए सपने देखने में सक्षम हो पा रहे हैं। आदिवासी गौरव के लिए तो मेरी सरकार ने अभूतपूर्व फैसले किए हैं।'' अनुसूचित जाति के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए डॉक्टर आंबेडकर उत्सव धाम, अमृत जलधारा और युवा उद्यमी योजना जैसे शुरु किए गए कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए मुर्मू ने संसद के केंद्रीय कक्ष में अपने अभिभाषण में कहा, ‘‘पहली बार देश ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरु किया।
आदिवासी क्षेत्रों में 400 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल बने
हाल में ही मानगढ़ धाम में सरकार ने आदिवासी क्रांतिवीरों को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धांजलि दी।'' उन्होंने कहा कि 36 हज़ार से अधिक आदिवासी बहुल गांवों को प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत विकसित किया जा रहा है और देश में 400 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल आदिवासी क्षेत्रों में खुल चुके हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में 3000 से अधिक वन-धन विकास केंद्र आजीविका के नए साधन बने हैं।