सहकारी समितियों का नाम मात्र का काम करा कार्यदायी संस्था हुई रफूचक्कर, 5 करोड़ में सिर्फ ढाई करोड़ किए खर्च

Edited By Umakant yadav,Updated: 24 May, 2021 05:32 PM

cooperative organization was made to work as a mere name for the cooperatives

हमीरपुर में सहकारी समितियों के मरम्मत के लिये नियुक्त की गयी कार्यदायी संस्था एकीकृत सहकारी विकास समिति (आईसीडीसी) जिले में पांच साल में पचास फीसदी कार्य नही करा पायी है। पांच करोड़ के बजट में पांच साल में सिर्फ ढाई करोड़ रुपये का बजट खर्च किया है।

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में सहकारी समितियों के मरम्मत के लिये नियुक्त की गयी कार्यदायी संस्था एकीकृत सहकारी विकास समिति (आईसीडीसी) जिले में पांच साल में पचास फीसदी कार्य नही करा पायी है। पांच करोड़ के बजट में पांच साल में सिर्फ ढाई करोड़ रुपये का बजट खर्च किया है।

सहकारिता विभाग के सहायक निबन्धक(एआर) कोआपरिटव आरके गुप्ता ने आज कहा कि शासन ने जिले में जर्जर हो चुकी सहकारी समितियो के मरम्मत व नये गोदाम बनाने के लिये कार्यदायी संस्था आईसीडीसी(एकीकृत सहकारी विकास समिति) को पांच साल पहले कार्य सौपा था। इसके लिये संस्था को पांच करोड रुपये का बजट दिया गया था। संस्था पांच साल पहले जिले में कार्य करने आ गयी थी। कभी स्टाफ का रोना तो कभी स्टाफ आ जाये तो कार्यदायी संस्था के महाप्रबंधक की नियुक्ति न हो पाना, कई समस्याओं जूझते हुये संस्था ने जिले में पांच साल व्यतीत कर दिये, जब कि जिले में अस्सी फीसदी सहकारी समितिया जर्जर हैा मगर संस्था की लापरवाही के चलते पांच साल व्यतीत हो गये संस्था में जो कर्मचारी लगाये गये थे वे सभी बेमन काम करते रहे।

गुप्ता ने बताया कि जिले में कार्यदायी संस्था ने 11गोदाम बनाये है जिनकी क्षमता सौ टन होती है। छब्बीस सहकारी समितियों की मरम्मत होनी थी जिसमे 18 की मरम्मत हो पायी है। एक बाउन्ड्री वाल बन पायी है। इधर एआर ने कार्यदायी संस्था के कार्यो पर प्रश्नचिंह लगाते हुये कहा कि जो गोदाम दस लाख की कीमत में बन जाता है उस गोदाम को कार्यदायी संस्था ने कम से कम 34 लाख मे बनाकर तैयार किया जिससे ज्यादातर सहकारी समिति के सचिव गोदाम बनबाने में अरुचि दिखाते रहे।

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