Edited By Ramkesh,Updated: 07 Feb, 2025 01:05 PM
![cm yogi expressed grief over the demise of kameshwar chaupal](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_13_05_07169609241-ll.jpg)
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं 9 नवम्बर 1989 को आयोजित ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संत गण की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं 9 नवम्बर 1989 को आयोजित ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संत गण की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रथम शिला रखने वाले परम राम भक्त कामेश्वर चौपाल के निधन पर सीएम योगी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम योगी ने कहा कि उनका पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित रहा। उन्हें विनम्र उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
वहीं बीजेपी ने अपने अधिकारिक सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा, राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे, कामेश्वर चौपाल जी के निधन की खबर सामाजिक क्षति है। उन्होंने सम्पूर्ण जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया। मां भारती के सच्चे लाल थें। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान एवं उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।।
गौरतलब है कि बिहार बीजेपी के पूर्व MLC कामेश्वर चौपाल का निधन दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। वो काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। कामेश्वर चौपाल राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे। उनके निधन से बिहार के सियासी गलियारे में शोक की लहर फैल गई है। कामेश्वर चौपाल बिहार बीजेपी के बड़े नेताओं में से एक थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके खिलाफ या विरोध में पार्टी तो पार्टी, किसी विरोधी दल ने भी आज तक कोई सियासी बयान नहीं दिया था। उनकी छवि शुरू से ही एक ऐसे शख्स की रही थी जो अयोध्या राम मंदिर के लिए पूरी तरह से समर्पित थे।