Edited By Mamta Yadav,Updated: 08 Dec, 2022 11:48 PM

लखनऊ की एक अदालत ने धनशोधन मामले में जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन और छह अन्य लोगों के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोप तय किए। जिला जज एस एस पांडेय की अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को 17 दिसंबर को गवाहों को पेश करने को कहा है।
लखनऊ: लखनऊ की एक अदालत ने धनशोधन मामले में जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन और छह अन्य लोगों के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोप तय किए। जिला जज एस एस पांडेय की अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को 17 दिसंबर को गवाहों को पेश करने को कहा है। कप्पन के अलावा, अन्य जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं, उनमें के ए राउफ शरीफ, अतीक उर रहमान, मसूद अहमद, मोहम्मद आलम, अब्दुल रज्जाक और अशरफ खादिर शामिल हैं। अदालत ने इन आरोपियों के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून के तहत आरोप तय किए हैं।
कप्पन को तीन अन्य लोगों के साथ पांच अक्टूबर, 2020 को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वे हाथरस जा रहे थे। हाथरस में 14 सितंबर, 2020 को चार व्यक्तियों द्वारा एक दलित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने कप्पन पर जाति आधारित दंगा भड़काने का इरादा रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद, उस पर देशद्रोह के आरोप और गैर कानूनी गतिविधियां (निषेध) अधिनियम के तहत भी मामले जोड़े गए।
प्रवर्तन निदेशालय ने फरवरी, 2021 में कप्पन के खिलाफ एक मामला दर्ज किया। केंद्रीय एजेंसी ने कप्पन, रहमान, अहमद और आलम पर दंगा भड़काने के लिए प्रतिबंधित पीएफआई से पैसा प्राप्त करने का आरोप लगाया। रहमान पीएफआई की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट आफ इंडिया का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष है। अहमद कैंपस फ्रंट आफ इंडिया की दिल्ली इकाई का महासचिव है, जबकि आलम इस संगठन का और पीएफआई का सदस्य है। प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि कैंपस फ्रंट आफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शरीफ ने हाथरस यात्रा के लिए धन मुहैया कराया था।