Edited By Ramkesh,Updated: 23 Feb, 2024 02:17 PM

69000 Teacher Recruitment: 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों ने आज दूसरे दिन राजधानी लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय पर जमकर हंगामा काटा। इस दौरान पुलिस प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस बैन में भर कर इको गार्डन धरना स्थल भेज दिया। दरअसल,...
लखनऊ, 69000 Teacher Recruitment: 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों ने आज दूसरे दिन राजधानी लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय पर जमकर हंगामा काटा। इस दौरान पुलिस प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस बैन में भर कर इको गार्डन धरना स्थल भेज दिया। दरअसल, अभ्यर्थियों मांग कर रहे हैं कि 6800 पदों पर कट ऑफ जारी कर बचे हुए पदों पर भर्ती की जाए। इसे लेकर अभ्यर्थी ने एक दिन पहले डिप्टी सीएम आवास का घेराव किया था। केशव चाचा मस्त है पिछड़े दलित पस्त है के नारों के साथ अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया।

आप को बता दें कि 6 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक 6, 800 पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है। इसे लेकर आए दिन शिक्षक अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन करते रहते हैं। दिसंबर 2018 में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, भर्ती में आरक्षण को लेकर सवाल उठे। आरक्षण मुद्दे को लेकर अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका डाली। हाईकोर्ट की लखनऊ ने बेंच ने सरकार को जून 2020 की सूची पर फिर से विचार करने को कहा है। मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कहा कि अधिकारियों ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (ATRI)-2019 में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोटा तय करने में कई अवैध काम किए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह अंतिम सूची की समीक्षा अगले तीन महीने के भीतर उचित तरीके से आरक्षण तय कर करे। लगभग इस मामले में 6 साल होने के हैं लेकिन दोनों अभी तक इस 6,800 अभ्यर्थियों की नियुक्त नहीं हो सकती है। जिससे नाराज शिक्षक अभ्यर्थियों ने सीएम आवास को घेराव किया।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती मामले में 6,800 आरक्षित व्यक्तियों की अतिरिक्त सूची जारी करने और चयन प्रक्रिया पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रोक लगा दी थी, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वर्ष 2018 में विज्ञापन 69 हजार रिक्तियों के अतिरिक्त बगैर विज्ञापन के एक भी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगाते हुए साफ कहा कि यह स्थिति सरकार ने पैदा की है लिहाजा अब सरकार तय करें कि 6800 अभ्यर्थियों के बारे में क्या करना है?