Edited By Umakant yadav,Updated: 01 Jul, 2020 04:04 PM
अनलॉक का दूसरा चरण शुरू होने के बाद लखनऊ जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया ...
लखनऊ: अनलॉक का दूसरा चरण शुरू होने के बाद लखनऊ जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया यहां शुरू कर दी है।
सदर तहसीलदार शंभू शरण सिंह ने बुधवार को बताया कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के मामले में लखनऊ के चार थानों में दर्ज मामलों के सिलसिले में 54 लोगों के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया था। उनमें से हसनगंज इलाके में दो संपत्तियां मंगलवार को कुर्क कर ली गयी। आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया, उनमें एन वाई फैशन सेंटर नाम की कपड़ों की दुकान और एक अन्य दुकान शामिल है। कुर्की की यह कार्रवाई अपर जिलाधिकारी ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा के आदेश पर की गई। कपड़ों की दुकान के सहायक भंडार प्रबंधक धर्मवीर सिंह और दूसरी दुकान के मालिक माहेनूर चौधरी सीएए विरोधी हिंसा के मामले में आरोपी हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल 19 दिसंबर को सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। प्रशासन ने इस मामले में 50 आरोपियों को कुल एक करोड़ 55 लाख रुपए का वसूली नोटिस जारी किया था।
उल्लेखनीय है कि गत मार्च जिला प्रशासन ने आरोपियों के पोस्टर जगह-जगह लगवाए थे। उसके बाद कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुझाव पर लखनऊ जिला प्रशासन ने 20 मार्च को तमाम वसूली और कुर्की की प्रक्रिया को अस्थाई तौर पर रोक दिया था।