Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Oct, 2020 01:32 PM
लॉकडाउन में जो मजदूर भूखे प्यासे हजारों किलोमीटर पैदल सफर कर मायूस होकर घर लौटे थे, अब उन मजदूरों को तरह-तरह के लालच देकर वापस बुलाया जा रहा है। खास ऑफर दिए जा रहे हैं। ट्रेन के एसी कोच का टिकट तक भेजा जा रहा है। रहने और खाने की अच्छी व्यवस्था...
लखनऊः लॉकडाउन में जो मजदूर भूखे प्यासे हजारों किलोमीटर पैदल सफर कर मायूस होकर घर लौटे थे, अब उन मजदूरों को तरह-तरह के लालच देकर वापस बुलाया जा रहा है। खास ऑफर दिए जा रहे हैं। ट्रेन के एसी कोच का टिकट तक भेजा जा रहा है। रहने और खाने की अच्छी व्यवस्था के दावे हो रहे हैं। बसों का भी प्रबंधन किया जा रहा है। मजदूरों से कहा जा रहा है कि अगर दिवाली तक काम पर वापस लौट आए, तो दिवाली साथ में मनाएंगे और तो और त्योहारों पर गिफ्ट भी मिलेंगे।
लॉकडाउन लगते ही मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट टूटने लगा। जिसके चलते कोई जून तो कोई जुलाई में घर लौटने लगा। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। गोद में छोटे बच्चा, हाथ में थैला लेकर मजदूरों ने पैदल ही अपने गृह जनपद तक की यात्रा तय की। उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो झांसी, ललितपुर, महोबा, गोंडा, बहराइच, कुशीनगर, बस्ती, गोरखपुर, संतकबीरनगर और बलिया में सबसे ज्यादा मजदूरों की वापसी हुई थी। इस दौरान कई मजदूरों की मौत भी हो गई थी, लेकिन धीरे-धीरे अब जब कारोबार पटरी पर आने लगा है, तो मजदूरों को सुहाने ऑफर देकर वापस बुलाया जा रहा है।
मजदूरों को दिए जा रहे ये ऑफर
मजदूरों को वापस बुलाने के लिए उद्योगपति कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्हें रहने की अच्छी व्यवस्था का ऑफर दिया जा रहा है। साथ ही वेतन में बढ़ोत्तरी की जा रही है। बोनस की भी व्यवस्था की जा रही है। दीपावली पर परिवार को गिफ्ट देने का दावा किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था का भी ऑफर दिया जा रहा है।
ट्रेन के साथ-साथ भेजी जा रही बसें
यात्री मजदूरों के लिए ट्रेन के साथ-साथ बसें भी भेजी जा रही हैं। झांसी, ललितपुर, दतिया, टीकमगढ़ में भी मजदूरों को लाने के लिए बसें पहुंच रही हैं। सभी की कोशिश है कि दीपावली से पहले ही मजदूर आ जाएं तो बेहतर है। ताकि से उद्योग रफ्तार पकड़ सकें।